मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने 20 अप्रैल से प्रिंट मीडिया को लॉक डाउन से छूट देने की घोषणा तो की लेकिन कर्मयोगियों के जरिए घर-घर अखबार पहुंचाने पर रोक लगा दी है। उसके इस प्रतिबंध का चौतरफा विरोध शुरू हो गया है।
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मीडिया का गला घोंटने वाला फैसला
महाराष्ट्र यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ने उद्धव सरकार के इस निर्णय को मीडिया का गला घोंटनेवाला बताया है। अध्यक्ष प्रदीप मैत्रा ने कहा कि यह आदेश पूरे प्रिंट मीडिया उद्योग एवं इस में काम करनेवालों पर बुरा प्रभाव डालेगा। महाराष्ट्र के मंत्रालय एवं विधिमंडल वार्ताहर संघ ने कहा है कि जब विश्र्व स्वास्थ्य संगठन कह चुका है कि अखबार सुरक्षित हैं, तो उनके वितरण पर प्रतिबंध समझ से परे है।
बता दें कि न सिर्फ डब्ल्यूएचओ, बल्कि डॉक्टरों, वैज्ञानिकों व सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर भी स्पष्ट कर चुके हैं कि अखबार से कोरोना का कोई खतरा नहीं है। जावडेकर के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर भी अखबार का वितरण बंद नहीं हुआ है।