हस्तमैथुन, समलैंगिकता, सबके सामने शौच-पेशाब: ‘इस्लाम ऑन द मूव’ किताब में तबलीगियों की पूरी ट्रेनिंग की कहानी

नई दिल्ली। तबलीगी जमात के चर्चा में आने के बाद उनसे संबंधित नई-नई बातों का खुलासा हो रहा है। मलेशिया के लेखक फारिश अ नूर ने अपनी किताब, ‘इस्लाम ऑन द मूव’ में इसी से संबधित चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने अपनी किताब में बताया है कि जो जमाती मरकज़ में रहते हैं, वे एक-दूसरे के सामने खुलेआम शौच करने व पेशाब करने में शर्म नहीं करते। क्योंकि उनके भीतर अपने शरीर को लेकर शर्म खत्म हो चुकी होती है।

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एकत्रित जमाती

इतना ही नहीं, वहाँ टॉयलेट का डिजाइन इस तरह से बनाया जाता है कि तबलगियों को शौच करते हुए सब देख सकें। ताकि अन्य तबलीगी अपने भाइयों को आँकें और उनके पेशाब करने की मुद्रा को सुन्नत के अनुरूप सुधार सकें। किताब में इस बात का उल्लेख है कि मुस्लिमों को बैठकर पेशाब करना चाहिए, खड़े होकर नहीं।

मलेशिया लेखक की किताब का अंश

इसके अलावा इन खुले शौचालयों का एक उद्देश्य ये भी होता है कि इस बात को सुनिश्चित किया जा सके कि तबलीगी जमात का कोई भी जमाती मरकज़ के भीतर समलैंगिक संबंध और हस्तमैथुन जैसी क्रियाएँ न करें। क्योंकि ये दोनों चीजें इस्लाम में हराम है। 

अब अगर, मलेशिया के लेखक का अवलोकन उचित है और ये सारी बातें सच हैं तो हमें इस समय जमातियों से संबंधित खबरों पर हैरान नहीं होना चाहिए। क्योंकि इनकी शर्म तो उस मरकज़ में ही खत्म कर दी जाती है, जहाँ दीन की बातें सिखाने का दावा होता है। लेकिन उसके बदले मजहब का हवाला देकर ये सब सिखाया जाता है।

Divya Kumar Soti

@DivyaSoti

Everyone is wondering why Tablighis in isolation are spitting so much? Well! Their theology directs them to spit to ward off Satan’s interference in their religious practices like offering namaz. Presently, they are being stopped from congregating for namaz due to Corona. Hence.

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स्तंभकार और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के विश्लेषक दिव्या कुमार सोती ने भी इस जानकारी को सोशल मीडिया पर साझा किया है। उन्होंने अपने ट्विटर पर इसके संबंध में लिखा, “आज हर कोई आइसोलेशन में रखे गए तबलीगियों को देखकर हैरान है कि वे इतना क्यों थूक रहे हैं। तो बता दें कि उनका धर्मशास्त्र उन्हें ऐसा करने की शिक्षा देता है कि नमाज पढ़ते समय या मजहबी कार्य करते समय शैतान की दखलअंदाजी खत्म करने के लिए वो ये करें।”

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फोटो: PTI

गौरतलब है कि इन सभी बातों के अलावा हमें मरकज़ के मुखिया मौलाना साद की वो वायरल ऑडियो भी ध्यान में रखने की आवश्यकता है, जिसमें वह सभी जमातियों को यह शिक्षा देने की कोशिश कर रहा था कि कोरोना वायरस एक साजिश है, जिसे मुस्लिमों को मारने के लिए रचा जा रहा है। साथ ही सरकार को एक शैतान के रूप में प्रदर्शित किया था क्योंकि उन्होंने कोरोना वायरस के मद्देनजर किसी भी धार्मिक स्थल पर भीड़ इकट्ठा करने को मना किया था।

इसी शिक्षा का असर है कि अब स्वास्थ्यकर्मियों को जमातियों के बेहूदे रवैये का सामना करना पड़ा रहा है। और खबरें आ रही हैं कि वे सरकार व प्रशासन की बात नहीं मान रहे हैं, वॉर्डों में थूक रहे हैं, नर्सों से बदतमीजी कर रहे हैं, फब्तियाँ कस रहे हैं। आस-पास गंदगी मचा रहे हैं और खुलेआम कॉरिडोर में शौच कर रहे हैं।

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