अब गुजरात में तुर्कमान गेट की जमात ए शूरा के करीब 11 सौ सदस्यों के आने की बात सामने आई
शेखर पण्डित
लखनऊ/अहमदाबाद। कोरोना महामारी के दौरान निजामुद्दीन मरकज की तब्लीगी जमात कोविड-19 वायरस की सबसे बड़ी कैरियर बनकर सामने आई लेकिन अब गुजरात में तुर्कमान गेट की जमात ए शूरा के करीब 11 सौ सदस्यों के आने की बात सामने आई है। इनमें से चार के टेस्ट पॉजिटिव आए हैं।
गुजरात में 70 नए कोरोना पॉजिटिव मामले रिपोर्ट किए गए, जिसके बाद राज्य में कुल पॉजिटिव मामले 378 हो गए हैं, जिसमें 33 डिस्चार्ज और 19 मौतें शामिल हैं।
शूरा जमात के 1095 में से 4 भरुच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, ये सभी तमिलनाडु से ट्रेन के जरिए अंकलेश्वर पहुंचे तथा वहां से बस के जरिए भरुच पहुंचे थे। 12 से 17 मार्च तक वे मस्जिद में ठहरे तथा बाद में पास के गांव ईखर की एक मस्जिदमें चले गए। प्रशासन ने ईखर गांव की 7 किमी की त्रिज्या में आने वाले गांव आमोद, आरछण, सुथोदरा, तेलोद,मातर, दांडा, दोरी, कोठी, करेणा, तथा भरुच तहसील के कंबोली, सीमिलिया किसानाड व पालेज गांव को 23 अप्रेल तक के लिए सील कर दिया। पुलिस महानिदेशक झा ने बतायाकि गुजरात में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर साइबर क्राइम निगरारी कर रही है, फेसबुक, ट्वीटर, टिकटॉक के 164 अकाउंट ब्लॉक किए जा चुके हैं।
जानें, क्या है जमात ए शूरा
तब्लीगी जमात के ग्लोबल हेडक्वार्टर निजामुद्दीन मरकज के अमीर मौलाना जुबेर के निधन के बाद मौलाना साद मरकज के अमीर बन बैठे तो मौलाना जुबेर के पुत्र जुहेरुल हसन ने तुर्कमान गेट पर मौलाना इब्राहिम के साथ मिलकर जमात ए शूरा का संचालन करने लगे। मौलाना साद व जुहेरुल हसन में मरकज पर कब्जे को लेकर भारी तनातनी है तथा लॉकडाउन के दौरान गैरकानूनी गतिविधियों के चलते साद के कानूनी शिकंजे में फंसने के बाद मरकज की कमान भी जमात ऐ शूरा के हाथ में आ सकती है।