झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झामुमो-कॉन्ग्रेस गठबंधन की सरकार चल रही है। इस सरकार के दो मंत्री हैं- आलमगीर आलम और हाजी हुसैन अंसारी। अंसारी झामुमो के कोटे से हैं और अल्पसंख्यकों के कल्याण वाले महकमे की जिम्मेदारी सॅंभाल रहे हैं। आलमगीर आलम कॉन्ग्रेस विधायक दल के नेता हैं और ग्रामीण विकास महकमे की जिम्मेदारी सॅंभाल रहे हैं। उन पर दिशा-निर्देशों की अनदेखी कर लॉकडाउन के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में लोगों को बस में ठूॅंस-ठूॅंस कर भिजवाने का आरोप लगा है। हाजी हुसैन के बेटे के लिए कहा जा रहा है कि वह दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। मंत्री का पूरा परिवार होम क्वारंटाइन में चला गया है। बेटे का सैंपल जॉंच के लिए भेजा गया है।
उल्लेखनीय है कि तबलीगी जमात का निजामुद्दीन स्थित मरकज कोरोना वायरस संक्रमण का एपिक सेंटर बनकर उभरा है। जमात के इज्तिमा में देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों के साथ विदेशी भी मौजूद थे। मरकज से निकाले गए लोगों में से कई संक्रमित मिले हैं। अब देश भर में यहॉं आए लोगों की तलाश की जा रही है ताकि उनकी जॉंच की जा सके। इसी क्रम में झारखंड में भी ऐसे लोगों की तलाश हो रही है। राज्य में संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि एक मलेशियाई महिला में हुई है। वह भी जमात के इज्तिमा में शामिल हुई थी। उसके अलावा भी राज्य के मस्जिदों से कई विदेशी धर्म प्रचारक मिले हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार विशेष शाखा ने इज्तिमा में शामिल हुए राज्य के लोगों की एक सूची जारी की है। इसमें मंत्री हाजी हुसैन के बेटे मोहम्मद तनवीर का भी नाम है। बुधवार को देवघर जिला प्रशासन की टीम तनवीर को लेकर मधुपुर थाने में आई। थाने में ही उनका सैंपल लिया गया। इस दौरान उनके पिता मंत्री हाजी हुसैन भी थाने में मौजूद थे। लेकिन, हैरान करने वाली बात यह है कि मंत्री पर जानकारी छिपाने का आरोप लग रहा है। मंत्री हाजी हुसैन के हवाले से प्रभात खबर ने बताया है, “मेरा पुत्र छात्र जीवन में दिल्ली गया है। उसके बाद वर्षों से वह दिल्ली नहीं गया है। हैरानी की बात है कि इसके बावजूद उसका नाम कार्यक्रम में शामिल होने वालों की सूची में आया है।”
तनवीर ने भी इज्तिमा में शिरकत करने से इनकार किया है। हालॉंकि तनवीर सहित पूरा परिवार होम क्वारंटाइन में है और जॉंच रिपोर्ट का इंतजार है।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार संवैधानिक पद पर रहते गंभीर कोताही बरतने का आरोप आलमगीर आलम पर भी है। उन्होंने आपदा प्रबंधन के सख्त नियमों को दरकिनार करते हुए लोगों को विभिन्न जिलों में भेजे। ऐसे 400 लोगों को पाकुड़ में रोककर क्वारंटाइन किया गया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश का कहना है ऐसा करने के लिए मंत्री ने 29 मार्च को पत्र लिखकर रॉंची जिला प्रशासन पर दबाव डाला। लॉकडाउन के बीच 600 लोगों को रॉंची से बाहर ले जाने के लिए बस चलाने की मॅंजूरी दी। कोडरमा, साहेबगंज आदि जगहों पर लोग भेजे गए। बकौल बीजेपी अध्यक्ष इनमें अधिकांश बांग्लादेशी थे।