एक ओर जहाँ कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के कारण पूरा विश्व एकजुट होकर इससे लड़ रहा है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस वैश्विक महामारी के दौरान भी अपनी मजहबी भावनाओं से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। खासकर सोशल मीडिया पर मुस्लिम समुदाय के मौलवियों के कुछ ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं, जिनमें कोरोना वायरस को अल्ल्लाह का अजाब बताने से लेकर इसे ताबीज पहनकर ठीक करने जैसे बयान भी देखने को मिले हैं।
ऐसा ही एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक बंगाली मौलवी अल्लाह से एक ऐसे वायरस की डिमांड कर रहा है, जो भारतवर्ष के करीब 50 करोड़ लोगों को एक ही बार में मार दे।
And they call us Islamophobic pic.twitter.com/fY5HJY9xZC
— desi hindu mojito (@desimojito) April 1, 2020
इस वीडियो में मौलाना बंगाली में कह रहा है – “बहुत जल्द मेरे पास खबर आई है कि पिछले दो दिनों से मस्जिदों में आग लगाईं जा रही है, माइक जलाए जा रहे हैं। मुझे लगता है कि एक महीने के अंदर ही कुछ होने वाला है। अल्लाह हमारी दुआ कबूल करे। अल्लाह हमारे भारतवर्ष में एक ऐसा भयानक वायरस दे कि भारत में दस-बीस या पचास करोड़ लोग मर जाएँ। क्या कुछ गलत बोल रहा मैं? बिलकुल आनंद आ गया इस बात में।” इसके बाद वहाँ मौजूद भीड़ मौलवी की कही बात पर खूब शोर के साथ अपनी सहमती दर्ज कराती है।
Bengali Sunni says he wants death of 400-500M Hindus from Corona.
He says he doesn't care whether he dies or not, but he will take down Hindus with him.pic.twitter.com/VhMm9xnNSV
— ꯃꯥꯀꯨ (@porbotialora) April 2, 2020
@porbotialora ने ट्विटर पर यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि बंगाली सुन्नी कह रहा है कि उसे इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि वह मरेगा या बचेगा लेकिन वो हिन्दुओं को अपने साथ लेकर जाएगा।
यह वीडियो ऐसे समय पर सामने आया है जब दिल्ली स्थित निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मौलाना साद समेत तबलीगी के सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हाल ही में दिल्ली निजामुद्दीन इलाके में हुए इस्लामिक धार्मिक आयोजन (तबलीगी जमात मरकज) के बाद मरकज में शामिल कई मुस्लिमों के देशभर में फ़ैल जाने से बवाल खड़ा हो गया है।
इसी बीच तबलीगी जमात के मुखिया मोहम्मद साद का एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें वो कह रहा था- “अल्लाह पर यकीन न रखने वालों की चाल और स्कीमें मुसलमानों को बीमारी से बचाने के बहाने से मुसलमानों को रोकने के लिए आ गई हैं। उन्हें मुसलमानों को रोकने और बिखेरने की तरकीब नजर आ गई है ताकि इनके दिल में हमेशा के लिए ये बात बैठ जाए कि किसी के पास मत जाओ, किसी के पास मत बैठो नहीं तो बीमारी लग जाएगी। आज अगर इस बीमारी की वजह से मुसलमानों के अकीदत बदल जाते हैं तो बीमारी तो खत्म हो जाएगी, लेकिन अकीदत खत्म नहीं होगी।”
वीडियो में साद आगे कहते हैं, “ये बीमारी बदल जाएगी, लेकिन तुम्हारे माशरे के आदाब, तुम्हारे साथ बैठना, एक प्लेट में खाना, इसका असर मुद्दतों के आसरे कभी खत्म ना हो। ये तो मुसलमानों के दरमियाँ शक पैदा करने, इनके दरमियाँ मोहब्बत खत्म करने के लिए एक प्रोग्राम तैयार किया गया है, एक प्रोग्राम बनाया गया है कि मुसलमानों को मुसलमानों से अलग करने के लिए ये बहाना अच्छा है।”
जिस तबलीगी जमात के अमीर मौलाना साद हैं वो दुनिया के करीब 190 मुल्कों में काम करती है। इसके हजारों सदस्य हैं। कोरोना के संकटकाल में मरकज ने देश के सामने मुसीबतें खड़ी कर दी हैं।
इस ऑडियो में साद कहते हुए सुने गए- “मौत से भागकर जाओगे कहाँ, मौत तो तुम्हारे आगे-आगे चल रही है। इसलिए जरा इस मौके पर अपनी अकल-समझ को जरा ठिकाने रखो। ऐसा ना हो कि महज डॉक्टरों की बातों में आकर नमाजें छोड़ दो, मुलाकातें छोड़ दो, मिलना-जुलना छोड़ दो। 70 हजार फरिश्तों पर तुम क्यों नहीं यकीन रखते? जब अल्ला ताला ने बीमारी मुकद्दर कर दी तो किसी डॉक्टर या दवा के साथ मैं कैसे बच सकूँगा, क्या कर लूँगा जब 70 हजार फरिश्ते मुझे नहीं बचा पाए?”
साद मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच यह अफवाह फैलाते हुए पाए गए कि इस बात पर यकीन ना करें कि वो मस्जिद में मिलेंगे तो बीमारी फैलेगी। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को इस बात का यकीन करना चाहिए कि अगर वो मस्जिदों में जमा होंगे तो अल्ला ताला इस समय में फरिश्तों को हाजिर करेंगे।
दिल्ली पुलिस ने मुहम्मद साद समेत मरकज के 6 अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हालाँकि, मौलाना साद 28 मार्च से ही गायब बताए जा रहे हैं।