नई दिल्ली। पीएम मोदी द्वारा 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा के बाद अब हाल ही में घोटालों के आरोप में तिहाड़ गए पूर्व वित्त मंत्री और कॉन्ग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कॉन्ग्रेस से इतर लॉकडाउन का समर्थन किया है। चिंदबरम ने देशवासियों से अपील की है कि इस मुश्किल वक्त में वे प्रधानमंत्री को कमांडर समझें और पैदल सैनिक की तरह उनकी कही बातों का अच्छे से अनुसरण करते हुए कोरोना वायरस का मजबूती से सामना करें।
पी चिदंबरम की यह अपील इस कारण से भी महत्वपूर्ण मानी जा सकती है क्योंकि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से देश में किए गए 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा पर जहाँ कॉन्ग्रेस पार्टी और उसके कुछ नेता सवाल उठा रहे हैं, वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम इसकी सराहना की है।
लॉकडाउन पर अपनी राय देते हुए ट्वीटर पर 10 सूत्री प्लान में चिदंरबम ने कोरोना के खिलाफ देशव्यापी लॉकडाउन को ‘ऐतिहासिक मूवमेंट’ बताया है।
My statement on the current lockdown and how the Government can help make it better. @PMOIndia @narendramodi @nsitharaman @nsitharamanoffc @FinMinIndia #STAYHOMEINDIA
चिदंबरम ने लिखा- “24 मार्च से पहले हुई बहस को पीछे छोड़ देना चाहिए और एक नई लड़ाई की शुरुआत के तौर पर देशव्यापी लॉकडाउन को देखा जाना चाहिए, जहाँ लोग सिपाही हैं और पीएम कमांडर हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम प्रधानमंत्री, केन्द्र और राज्य सरकारों को अपना पूरा समर्थन करें।”
केंद्र की मोदी सरकार को फौरन राहत की घोषणा करने का प्लान सुझाते हुए चिदंबरम ने कहा – “भारत में घर में रहना सबसे अच्छा है लेकिन घर में रहने के लिए लोगों को पैसे और खाने की जरूरत होगी। हमें न सिर्फ 21 दिनों के लिए सोचना और प्लान करना चाहिए बल्कि उसके अगले कुछ हफ्तों की भी योजना होनी चाहिए।”
चिदंबरम ने पैकेज के ऐलान के लिए सरकार से प्रधानमंत्री की किसानों के लिए योजना के तहत कहा कि किसानों को दोगुना भुगतान 12 हजार रुपए करने, ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत इसमें एनरॉल लोगों को 3,000 रुपए, सभी जनधन खातों में 6 हजार रुपए, सभी राशन कार्ड धारकों के घरों में 10 किलो चावल और गेहूँ की डिलीवरी करने के साथ ही सभी कर्मचारियों के खाते में वेतन देने और वह सरकार की ओर से रिम्बर्स होना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने 1 अप्रैल से 30 जून, 2020 तक सभी आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में 5% की कटौती की माँग भी की है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे वक्त में प्रधानमंत्री, केंद्र और राज्य सरकारों को अपना पूरा समर्थन देना चाहिए और अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। हालाँकि, चिदंबरम ने स्पष्ट किया कि यह उनका निजी विचार है और उनकी पार्टी का इससे कुछ भी लेना-देना नहीं है।