नई दिल्ली। रोहिंग्या मुसलमान भारत से नेपाल की तरफ पलायन कर रहे हैं और ये भी सामने आया है कि इन्हें नेपाल के जेहादी गुटों से फंडिंग मिल रही है. खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को भेजी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में रह रहे रोहिंग्या नेपाल की ओर पलायन कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 378 ऐसे रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में ये जानकारी सामने आई है. ये पिछले कुछ दिनों मेंं भारत नेपाल सीमा पर नेपाल के इलाके में बस गये हैं. ये भी कहा गया है कि यह सभी नेपाल के कुछ बिचौलियों के संपर्क में हैं और इनकी मदद से वो नेपाल सीमा से सटे इलाकों में बसने के लिए जमीनें भी खरीद रहे हैं.
खुफिया एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी ने ज़ी न्यूज़ से बताया है कि नेपाल की ओर जाने वाले रोहिंग्या भारत-नेपाल सीमा पर सक्रिय कुछ रोहिंग्या मुसलमानों के संपर्क में हैं. ये नेपाल में जमीन से लेकर नेपाल की नागिरकता से जुड़े दस्तावेज हासिल करने के लिए हजारों रुपए घूस भी दे रहे हैं. कुछ मामलों में हमें पता चला है कि इन बिचौलियों को नेपाल में बसने के लिए 40-50 हजार रुपए तक जा रहे हैं.
नेपाल के ढाढिंग (Dhading) जिले में रोहिंग्या मुसलमानों के करीब 35 अस्थायी घर भी देखे गए हैं, जो पिछले कुछ दिनों में बने हैं. इसी तरह लासंतूर में 104 रोहिग्या मुसलमानों और इसी समुदाय के कुछ लोगों के पनौती जिले में बसने की खबर मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल के इस्लामिक संगठन इन रोहिंग्या मुसलमानों को नेपाल में बसने के लिए फंड मुहैया करा रहे हैं. इसमें इस्लामिक संघ नेपाल (ISN) की गतिविधियां काफी संदिग्ध हैं.
गृह मंत्रालय में तैनात एक अधिकारी के मुताबिक, रोहिंग्या मुसलमानों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है. पाकिस्तान की आईएसआई लंबे वक्त से भारत-नेपाल सीमा पर लश्कर और जैश जैसे आतंकी गुटों के बेस बनाने की साजिश में लगी हुई है. ऐसे में रोहिंग्या मुसलमानों को फंड मुहैया करवा कर भारत-नेपाल सीमा पर बसाने के पीछे एक बड़ी साजिश हो सकती है. हालंकि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
कुछ महीनों पहले भारतीय खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान की आईएसआई ने थाइलैंड और म्यांमार के बॉर्डर पर स्थित मेरीसोट नाम की जगह पर आतंकी कैंप बनवाए हैं, जिसमें पाकिस्तानी-तालिबानी लड़ाके इन कैंपो में रोहिंग्या जेहादियों को आतंकी हमले के लिए तैयार कर रहे हैं. रिपोर्ट में ये शक जताया गया है कि ISI इन कैंपों में आतंकियों को तैयार कर बंग्लादेश और भारत में आतंकी हमले कराने की भी साजिश हो सकती है.
इन कैंपों के बारे में जानकारी पहली बार कुछ खालिस्तान समर्थित आतंकियों से पूछताछ के बाद मिली थी. रिपोर्ट के मुताबिक, टेरर कैंप को एक्टिव करने के लिए हाफिज सईद ने रोहिंग्या जेहादियों के साथ बैठक भी की थी. आईएसआई जेेहादी गुट हरकत-उल-जिहाद इस्लामी-अराकान (हुजी-ए) की मदद कर पाकिस्तान, तालिबान से ट्रेनिंग दिलवा रहा है. वहीं इस गुट का नेता मौलाना अब्दुल कुद्दुस इस वक्त पाकिस्तान में है.