सेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन: मोदी सरकार को घेरने के चक्कर में खुद घिर गए राहुल गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं, लेकिन इस बार मोदी सरकार (Modi Government) को घेरने के चक्कर में उन्होंने मनमोहन सरकार को ही कोस डाला. मामला सेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन पाने संबंधी  सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़ा है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए कहा कि केंद्र कॉम्बैट क्षेत्र को छोड़कर सेना में सभी विभागों में महिलाओं को स्थायी कमान देने के लिए बाध्य है.

इस पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘सरकार ने हर भारतीय महिला का अपमान किया है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि महिला आर्मी अधिकारी कमांड पोस्ट और परमानेंट सर्विस के लिए योग्य नहीं हैं, क्योंकि वे पुरुषों से कमतर हैं. अब मैं भारतीय महिलाओं को मुकाबला करने और बीजेपी सरकार को गलत साबित करने पर बधाई देता हूं.’

राहुल अपने इस बयान पर इसलिए ट्रोल हो रहे हैं, क्योंकि वह ये भूल गए कि ये मामला कांग्रेस की सरकार के समय का है. जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तब कांग्रेस सरकार ने 2010 में हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी, जिसमें महिला अधिकारियों के स्थायी कमीशन की बात थी. 2010 में दिल्ली हाईकोर्ट ने शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत सेना में आने वाली महिलाओं को 14 साल पूरे करने पर स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया था. लेकिन मनमोहन सरकार का कहना था कि पुरुष सैनिक, महिला सैनिकों को स्वीकार नहीं कर पाएंगे क्योंकि यूनिट में पूरी तरह से पुरुष वर्ग ज्यादा है.

Meenakashi Lekhi

बीजेपी ने राहुल गांधी के बयान पर करारा हमला बोला है. बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा, “महिलाओं के लिए स्थायी कमिशन के आइडिया को पीएम मोदी ने सपोर्ट भी किया था और 2018 में लाल किले से अपने भाषण के दौरान उन्होंने इसके लिए नीतियों में बदलाव की घोषणा भी की थी. महिलाओं को स्थायी कमिशन देने के मुद्दे पर राहुल गांधी के ट्वीट में सरकार के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है.”

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