नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल का शपथ ग्रहण समारोह रविवार को रामलीला मैदान में सुबह 10 बजे होगा. जिस दिल्ली ने अरविंद केजरीवाल को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया, जिस दिल्ली ने वोट देकर आम आदमी पार्टी को प्रचंड दिलाई. नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह उसी दिल्ली को पूरी तरह से समर्पित है. दिल्ली का रामलीला मैदान एक नए इतिहास को खुद समेटने के लिए तैयार है. 40 हजार कुर्सियां मंगवाई गईं हैं. दिल्ली के आम लोगों के सामने आज आम आदमी पार्टी की नई सरकार शपथ लेगी.
अरविंद केजरीवाल के अलावा उनके मंत्रिमंडल के 6 मंत्री भी शपथ लेंगे. रविवार को मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र गौतम मंत्री बनाए गए हैं. अरविंद केजरीवाल की जीत पर उन्हें कई नेताओं ने बधाई दी लेकिन अरविंद केजरीवाल ने अपने शपथ ग्रहण समारोह को विपक्ष के शक्ति प्रदर्शन का मंच नहीं बनने दिया है. आम आदमी पार्टी ने न तो किसी बाहरी राज्य के सीएम को बुलाया है और न ही किसी नेता को न्योता दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अरविंद केजरीवाल ने जरूर बुलाया है लेकिन वाराणसी दौरे की वजह से पीएम दिल्ली में नहीं रहेंगे.
अरविंद केजरीवाल और मंत्रीमंडल के शपथ क्रार्यक्रम को आम आदमी स्टाइल में ही पूरा करने का प्लान है. यानी पार्टी के नेता, कार्यकर्ता के अलावा कोई होगा तो वो दिल्ली के लोग होंगे. दिल्ली के वोटर होंगे. दिल्ली में काम करने वाले अफसर और कर्मचारी होंगे. आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि रामलीला मैदान की क्षमता से भी अधिक लोग शपथ ग्रहण समारोह में आएंगे इसीलिए मैदान के बाहरी इलाकों में LED स्क्रीन लगाने की व्यवस्था की गई है.
मुख्य मंच के दोनों तरफ 2 और मंच बनाए गए हैं. इस मंच पर शपथ ग्रहण समारोह के VVIP मेहमान बैठेंगे लेकिन वो VVIP देश के बड़े नेता नहीं बल्कि दिल्ली के लोग होंगे. 50 VVIP में जो लोग शामिल हैं उन्हें दिल्ली का निर्माता नाम दिया गया है. इसमें शिक्षक, स्कूल के चपरासी, प्रिंसिपल, मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर, बाइक एंबुलेंस के राइडर, सफाई कर्मचारी, आंगन बाड़ी से जुड़ी महिलाएं जैसे लोग शामिल हैं.
शपथ ग्रहण के साथ ही दिल्ली में केजरीवाल काल का तीसरा अध्याय शुरु हो जाएगा. केजरीवाल से दिल्ली को ढेरों उम्मीदें हैं. आम आदमी पार्टी की 62 सीटों पर जीत से साबित हो गया है कि दिल्ली ने केजरीवाल पर आंख बंद करके भरोसा किया है और यही केजरीवाल के लिए सबसे चुनौती है. दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटने वाली भीड़ से साफ हो जाएगा कि केजरीवाल के लिए दिल्ली के दिल में कितना प्यार है. केजरीवाल ने दिल्ली में जो काम किया उसके बदले जनता ने उन्हें वोट दिया है लेकिन वोटिंग के ठीक बाद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से एक और अपील की है. अब देखना केजरीवाल के इस अपील का दिल्ली में क्या असर होता है. दिल्ली के लोग अपनी छुट्टी का एक दिन केजरीवाल के नाम करते हैं या नहीं.