नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक छापेमारी की है, जिसका संबंध शाहीन बाग़ में चल रहे विरोध प्रदर्शन से पाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने इस छापेमारी की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को बंद लिफ़ाफ़े में भेज दी है। इसमें राजनीतिक दलों के भी नाम सामने आए हैं।
ED की रिपोर्ट में पाया गया है कि PFI के एक्टिविस्ट और कार्यकर्ता देश भर से लोगों से रुपए इकट्ठा करते हैं और इस रुपए को उस क्षेत्र के ही किसी आदमी को सौंप देते हैं, जो कि फिर दिल्ली आकर इस कैश को PFI के हेडऑफिस में छोड़ जाते हैं, जो कि शाहीन बाग़ के ही पास है। ज्ञात हो कि मोहम्मद परवेज अहमद, PFI के दिल्ली के प्रेजिडेंट और अन्य पार्टी कार्यकर्ता CAA विरोध में शामिल था।
ईडी के मुताबिक नागरिकता संशोधन विधेयक संसद में पेश होने के बाद कुल 15 खातों में 1.04 करोड़ रुपए जमा किए गए, जिसमें 10 खाते पीएफआई और 5 खाते रिहैब इंडिया फाउंडेशन के हैं। ये जमा राशियाँ 5 हजार से लेकर 49 हजार रुपए तक थीं और इन्हें नकद अथवा मोबाइल का इस्तेमाल कर तत्काल भुगतान सेवा द्वारा जमा कराया गया था। जमाकर्ता की पहचान छुपाने के लिए धनराशि 50 हजार से कम रखी गई थी। इन 15 बैंक खातों से 4 दिसंबर 2019 से 6 जनवरी 2020 के दौरान 1.34 करोड़ रुपए निकाले गए। इस धन का नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों में इस्तेमाल किया गया।
इसी तरह पीएफआई के खिलाफ एनआईए की जाँच में कुल 73 बैंक खातों का पता चला है, जिसमें पीएफआई के 27, इसकी संबंधित इकाई रिहैब इंडिया फाउंडेशन के 9, और 17 अलग अलग बैकों में इससे जुड़े व्यक्तियों के 37 खाते हैं। इन बैंक खातो में 120.5 करोड़ रुपए जमा किए गए जो उसी दिन या फिर दो या तीन दिनों के भीतर ही निकाल लिए गए।
यही मोहम्मद परवेज अहमद, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह से व्यक्तिगत रूप से भी फोन और व्हाट्सएप मैसेज के द्वारा जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही, परवेज अहमद कुछ कॉन्ग्रेस नेता के साथ भी जुड़ा हुआ है, जिनमें से उदित राज भी हैं। इसके अलावा परवेज अहमद ‘भीम आदमी’ जैसे दलों के व्हाट्सएप समूह से भी जुड़ा हुआ है। इस रिपोर्ट में संजय सिंह के व्हाट्सएप चैट भी दिए गए हैं, जिनमें थाने के आगे विरोध प्रदर्शन करने की रणनीति पर बात की जा रही है।