राजनीतिक विश्लेषक गुंजा कपूर के साथ शाहीन बाग में बदसलूकी, Video वायरल

नई दिल्ली। शाहीन बाग में बुधवार (फरवरी 5, 2020) को सीएए के विरोध में बैठी महिला प्रदर्शनकारियों ने राजनीतिक विश्लेषक एवं पत्रकार गुंजा कपूर को बुर्का पहनकर प्रदर्शनस्थल का वीडियो बनाने पर घेर लिया और उनसे बदसलूकी की। इन महिलाओं ने गुंजा को पकड़कर सवाल उठाया कि आखिर वो इस प्रदर्शन में बुर्का पहनकर क्यों आईं?

इस वाकये के वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस गुंजा को वहाँ मौजूद महिलाओं से बचाकर प्रदर्शन से बाहर ले जा रही है। लेकिन महिलाएँ लगातार उनके साथ खींचतान कर रही हैं। इसके अलावा, एक अन्य वीडियो में भी देखा जा सकता है कि किस तरह वहाँ मौजूद महिला प्रदर्शनकारी गुंजा पर नाराज हो रही हैं और बार-बार सवाल कर रही हैं कि आखिर वो बुर्का पहनकर उनके प्रदर्शन में क्यों आई और उन्हें बुर्का किसने दिया। वीडियो में सुना जा सकता है कि एक महिला लीगल नोटिस और वकील बुलाने की बात भी कह रही है।

ताजा जानकारी के अनुसार, एक ओर जहाँ, दिल्ली पुलिस गुंजा को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर रही हैं, वहीं, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर भी गुंजा कपूर को लेकर बहुत से सवाल उठ रहे हैं। उनकी वीडियो शेयर करके-करके पूछा जा रहा है कि आखिर उन्होंने बुर्का क्यों पहना? वो वहाँ क्या रिकॉर्ड कर रही थीं? या वो वहाँ क्यों गई थीं?

मगर, यहाँ ध्यान देने वाली बात है कि पिछले 2 महीनों में इन प्रदर्शनों में दूसरे धर्म की कई ऐसी महिलाएँ शामिल हुई हैं, जिन्होंने इन महिलाओं के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बुर्का और हिजाब पहना।

अभी पिछले महीने जनवरी में ही इन प्रदर्शनों में से कुछ फोटो वायरल हुई थी। जिसमें जंतर मंतर पर ‘आजाद वुमेन फॉर आजादी’ प्रोटेस्ट में इंदुलेखा नाम की महिला ने प्रदर्शन में शामिल होने के दौरान हिजाब पहना था और एक पट्टी लेकर फोटो खिंचवाई थी। जिस पर लिखा था, “श्रीमान मोदी। मैं इंदुलेखा हूँ। मुझे मेरी ड्रेस से पहचानो।”

इसके अलावा कई और भी महिलाएँ थी, जिन्होंने अपना धर्म अलग होने के बावजूद इन महिलाओं के साथ एकजुटता दिखाई थी। इसलिए, सवाल उठता है कि जब उन महिलाओं पर उंगली नहीं उठी, तो गुंजा से सवाल क्यों? जाहिर है, उनकी राजनीतिक विचारधारा के कारण। दरअसल, इन महिलाओं को डर है कि इनके प्रदर्शन पर गुंजा प्रदर्शन स्थल से कई ऐसी चीजों को रिकॉर्ड करके दुनिया के सामने पेश कर देंगी, जिससे उनकी फजीहत होगी, जैसे अब तक होती रही है।

सोशल मीडिया पर सीएए के ख़िलाफ़ मत रखने वाले कई समुदाय विशेष और वामपंथी गिरोह के लोग गुंजा को भाजपा का सदस्य बता रहे हैं। साथ ही उन पर जासूसी का आरोप लगा रहे हैं।

गौरतलब है कि इन दिनों शाहीन बाग पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने कई कड़े नियम बनाए हुए हैं। वे केवल चुनिंदा मीडिया हाउस के लोगों को वहाँ वीडियो बनाने की इजाजत देते हैं। क्योंकि उन पर प्रदर्शनकारियों को यकीन होता है कि वे उनके ख़िलाफ़ मीडिया में कुछ नहीं चलाएँगे। इसके अलावा कुछ मीडिया हाउस को वहाँ केवल लाइव करने की इजाजत हैं। एंट्री प्वाइट पर वहाँ Voluteers खड़े हुए हैं। जो किसी को भी संदिग्ध पाने पर उनका बैग चेक करते हैं और आईडी प्रूफ देखते हैं। अगर फिर भी उन्हें किसी चीज पर शक होता है, या उन्हें लगता है कि कोई ऐसी वीडियो बना रहा हैं या फोटो खींच रहा है, जिससे मामला उनके ख़िलाफ़ चला जाएगा, वो तुरंत उस वीडियो को डिलीट करवा देते हैं।

ऐसे में गुंजा कपूर के साथ उनका ये बर्ताव शर्मनाक जरूर है, लेकिन हैरान करने वाला नहीं। क्योंकि वहाँ पिछले कई दिनों से दूसरी विचारधारा के लोगों के साथ यही सब हो रहा है। आपको बता दें कि ऑपइंडिया ने गुंजा से बात करने का प्रयास किया लेकिन इस समय उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। जैसे ही उनसे बात होगी, हम अपनी रिपोर्ट को उनके बयान के साथ अपडेट करेंगे।

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