शिवहर (बिहार)।सीएए और एनआरसी के खिलाफ बिहार में चल रहे प्रोपेगेंडा के तहत गाँव-गाँव घूम रहे सीपीआई के नेताओं को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान लोगों ने सीपीआई नेताओं को काले झंडे तो दिखाए ही साथ ही काफ़िले में मौजूद कन्हैया कुमार के ख़िलाफ़ जमकर मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। इस बीच कॉमरेड कन्हैया को गाँव से बाहर निकलना भारी पड़ गया।
इन दिनों बिहार में चल रही जन-गण-मन यात्रा के तहत भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (CPI) नेता और जेएनयू के ‘काम’रेड कन्हैया कुमार गाँव में आयोजित सभाओं में जाकर लोगों को सीएए के खिलाफ भड़का रहे, भ्रमित कर रहे हैं। इसी यात्रा के दौरान रविवार को कन्हैया कुमार की एक सभा बिहार के शिवहर जिले में थी। यहाँ पहुँचे कन्हैया ने लोगों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सीएए को लागू कर देश को बाँटने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें वह कभी सफल नहीं होंगे। इसके बाद कन्हैया की एक सभा सीतामढ़ी के पास होनी थी।
अपने अगले कार्यक्रम के लिए कन्हैया जैसे ही शिवहर से निकलकर सीतामढ़ी की ओर जा रहे थे, तो रास्ते में खड़े लोगों ने उनकी गाड़ी को जबरन रोकने की कोशिश की। इस बीच ग्रामीणों ने पहले तो कन्हैया को काले झंडे दिखाए और फिर जमकर कॉमरेड कन्हैया मुर्दाबाद के नारे लगाए। लेकिन पुलिस ने कन्हैया को सुरक्षा घेरे में लेकर सभा स्थल तक सुरक्षित पहुँचाया। इससे पहले कन्हैया के काफिले को शहर के अंदर पुनौरा में भी रोकने की कोशिश की गई। वहाँ भी युवाओं ने काले झंडे दिखाकर कन्हैया मुर्दाबाद के नारे लगाए।
बीते शनिवार को भी सीएए के ख़िलाफ़ चल रही प्रोपेगेंडा यात्रा के दौरान कन्हैया कुमार के काफ़िले पर छपरा में पथराव करने की कोशिश की गई थी। इस हमले में कन्हैया की गाड़ी के शीशे टूट गए थे जबकि कन्हैया बाल-बाल बच गए थे।
आपको बता दें कि देशद्रोह के आरोप में मुकदमा झेल रहे कन्हैया कुमार ने सीपीआई के टिकट पर मंत्री गिरिराज सिंह के सामने बेगूसराय से लोकसभा का चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें बुरी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से वह अपनी जमीन तलाश करने में जुटे हुए हैं।