लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष रणजीत बच्चन की लखनऊ में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्याकरने के बाद उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं. कुछ दिन पूर्व ही रणजीत बच्चन को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली थी. इस बारे में उन्होंने पुलिस को भी बताया था. इसके बावजूद पुलिस महकमा हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा. आपको बता दें कि पिछले 4 महने के अंदर उत्तर प्रदेश की राजधानी में यह दूसरे हिंदूवादी नेता की हत्या है.
इससे पहले पिछले साल 18 अक्टूबर को हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की उनके दफ्तर में ही गला रेतकर हत्या कर दी गई थी.
लखनऊ में कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद यह पहली बड़ी वारदात है. लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे के नेतृत्व में कई टीमें रणजीत बच्चन की हत्या की गुत्थी को सुलझाने में जुट गई हैं. लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने इस हत्याकांड की जांच के लिए चार टीमों का गठन किया है.
पुलिस की एक टीम रणजीत बच्चन की राजनीतिक पार्टियों से जुड़ी गतिविधियों की जांच कर रही है. दूसरी टीम उनके सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाल रही है. इसके अलावा दो टीमें उनके घर आने-जाने वालों और परिवार वालों से संपर्क कर जानकारी जुटाने में लगी हैं.
पुलिस इस घटना को हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड से भी जोड़कर छानबीन में जुटी है. पुलिस ने बरेली के डीआईजी राजेश पांडेय से भी संपर्क कर जांच में सहयोग करने को कहा है. कमलेश तिवारी हत्याकांड के तीनों आरोपी अभी हाल में ही जमानत पर रिहा होकर जेल से बाहर आए हैं.