भारत में दिन-रात का पहला टेस्ट मैच (Day-Night Test) यहां ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स स्टेडियम में खेला जाएगा और स्थानीय क्यूरेटर सुजान मुखर्जी का कहना है कि मैच के जल्दी शुरू होने की उम्मीद है जिससे मुकाबले के दौरान ओस ज्यादा कठिनाई पैदा नहीं होगी. भारत और बांग्लादेश के बीच मुकाबला 22 नवंबर को खेला जाएगा. बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने मंगलवार को ही भारत के साथ पहले दिन-रात के टेस्ट मैच को हरी झंडी दी.
ओस की भूमिका रहती है अहम
दरअसल ओस की भूमिका जिसे ड्यू फैक्टर भी कहा जाता कोलकाता के ईडन गार्डन जैसे मैदान पर डे-नाइट वनडे मैचों में बहुत मायने रखती है. अब तक यहां जितने भी दिन रात के मैच हुए हैं उनमें ओस को ध्यान रखते हुए ही टॉस जीतने वाली टीमें बैटिंग या बॉलिंग का फैसला करती हैं. ऐसा केवल वनडे मैचों में ही नहीं टी20 मैचों में भी होता है जो कि दिन रात के मैच ही होते हैं. ओस की वजह से गेंदबाजों को गेंद को पकड़ने में दिक्कत होती है. ऐसे में स्पिनर्स को बहुत परेशानी होती है.
एक बजे से शुरू हो सकता है दिन का खेल
अनुभवी क्यूरेटर के अनुसार, यह ऐतिहासिक मैच एक बजे तक शुरू हो सकता है. हालांकि, इसके लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की सहमति की जरूरत होगी. आम तौर पर वनडे डे नाइट मैच बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के क्यूरेटर सुजान ने कहा, “चूंकि शुरुआत जल्दी होगी इसलिए दिन का खेल करीब 8-8.30 बजे तक खत्म हो जाएगा. ओस ज्यादातर उसके ही बाद खेल में खलल डालती है जैसा कि हमने ईडन में हुए सीमित ओवर के मैचों में देखा है. इसलिए, मुझे नहीं लगता कि ओस की समस्या होगी.”
ओस से निपटने के लिए पूरे इंतजाम
सुजान ने कहा, “हमारे पास ओस से निपटने के लिए स्प्रे और अन्य सामान भी मौजूद है.” पिच से हालांकि, तेज गेंदबाजों को मदद मिलने की उम्मीद है क्योंकि 2016 में खेला गया सीएबी सुपर लीग का फाइनल पिंक गेंद से ही खेला गया था और वहां तेज गेंदबाजों को बहुत मदद मिली थी.