कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पूर्व सांसद और वरिष्ठ कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) नेता गुरुदास दासगुप्ता का बुधवार को कोलकाता में निधन हो गया, वह 83 वर्ष के थे. काफी लंबे समय से वह हार्ट व किडनी से संबंधित बीमारी से ग्रसित थे. गुरुदास दासगुप्ता का जन्म 3 नवंबर 1936 को बंगाल के बरिसल (आज के बांग्लादेश) में हुआ था. दासगुप्ता ने अपनी शिक्षा कोलकाता यूनिवर्सिटी से की और वह सीपीआई से तीन बार राज्यसभा सदस्य रहे. गुरुदास दासगुप्ता साल 1985 से 2000 तक राज्यसभा सदस्य रहे. साल 2001 में गुरुदास दासगुप्ता ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) के महासचिव चुने गए.
साल 2004 में पहली बार लोकसभा पहुंचे. 2004 लोकसभा चुनाव में दागुप्ता पश्चिम बंगाल की पंसकुरा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सदन में आए. इसके बाद साल 2009 में वह पश्चिम बंगाल की घाटल सीट से चुनाव जीते.
पश्चिम बंगाल की वाम राजनीति में सीपीआई की सहयोगी कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) पश्चिम बंगाल ने ट्वीट कर गुरुदास दासगुप्ता के निधन पर शोक व्यक्त किया. सीपीएम ने लिखा, ‘वामपंथी और श्रमिक वर्ग आंदोलन में उनका योगदान युवा पीढ़ी को प्रेरित करेगा.’
गुरुदास दासगुप्ता यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुए 2 जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच के लिए बनाई गई ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) के सदस्य भी रहे. उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर “कर्तव्यों की उपेक्षा” का आरोप लगाया, उन्होंने आरोप लगाया कि वह (पीएम) दूरसंचार लाइसेंसों के वितरण में अनियमितताओं के बारे में पूरी तरह से अवगत थे. उन्होंने तत्कालीन कैबिनेट सचिव से एक नोट का हवाला देते हुए कहा कि स्पेक्ट्रम के लाइसेंस का मूल्य बढ़ाया जाना चाहिए.