नई दिल्ली। राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज एसए बोबडे को सुप्रीम कोर्ट का अगला चीफ़ जस्टिस बनाए जाने की संस्तुति पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. जस्टिस बोबडे 18 नवंबर 2019 को चीफ़ जस्टिस पद की शपथ लेंगे. जस्टिस बोबडे सुप्रीम कोर्ट में मौजूदा चीफ़ जस्टिस के बाद सबसे वरिष्ठ जज हैं. मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस बोबडे का कार्यकाल 18 महीने का होगा. वह 23 अप्रैल 2021 तक मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहेंगे.
जस्टिस बोबडे 12 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त हुए थे. सुप्रीम कोर्ट आने से पहले जस्टिस बोबडे मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर थे. मौजूदा चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. रिटायरमेंट से पहले जस्टिस रंजन गोगोई की पांच जजों की बेंच अयोध्या मामले पर फ़ैसला सुनाएगी.
जस्टिस एसए बोबडे
जस्टिस बोबडे का सबसे बड़ा फैसला वैसे तो अयोध्या जमीनी विवाद पर आने वाला है जिसमें 5 बेंच के जज में जस्टिस बोबडे भी शामिल हैं. जस्टिस बोबडे सुप्रीम कोर्ट के आधार के अधिकार पर सुनाए गए तीन बेंच के जजों का हिस्सा रहे हैं. तीन सदस्यों की इस पीठ में जस्टिस बोबड़े के अलावा जस्टिस चेलमेश्वर और जस्टिस नागप्पन भी थे. इस ऐतिहासिक फैसले में पीठ ने आधार के बिना किसी भी भारतीय को उसके मौलिक अधिकारों से वंचित न किए जाने का फैसला सुनाया.
जस्टिस बोबडे ने 2016 में दिल्ली-एनसीआर में तीन विद्यार्थियों द्वारा दाखिल किए गए याचिका पर भी फैसला सुनाया था, जिसमें दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी. इस बेंच में जस्टिस बोबडे के अलावा जस्टिस टीएस ठाकुर और जस्टिस एके सीकरी भी थे.