पिछले पांच महीने से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शन हांगकांग की अर्थव्यवस्था के लिए घातक साबित हुए हैं. हांगकांग की इकोनॉमी मंदी की चपेट में आ गई है. शहर के वित्त सचिव ने कहा कि अभी प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे, जिसकी वजह से इस साल हांगकांग की इकोनॉमी में किसी तरह की बढ़त होने की संभावना कम ही दिख रही है. यह विरोध चीन सरकार द्वारा लाए गए प्रत्यर्पण बिल के खिलाफ हो रहा है.
हांगकांग के वित्त सचिव पॉल चैन ने एक ब्लॉग में लिखा है, ‘हमारी अर्थव्यवस्था के लिए झटका बहुत व्यापक है. तीसरी तिमाही के जीडीपी के लिए गुरुवार को आए प्राथमिक अनुमान से पता चलता है कि लगातार दो तिमाही में अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है, जिसे तकनीकी परिभाषा के मुताबिक मंदी कहते हैं.’
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, उन्होंने यह भी कहा कि अब तो 0 से 1 फीसदी के सालाना आर्थिक ग्रोथ को हासिल करने का सरकार का लक्ष्य भी ‘काफी कठिन’ लगता है. गौरतलब है कि इस रविवार को भी हांगकांग में कुछ मुस्लिमों के प्रदर्शन हुए हैं और पुलिस पर आरोप है कि उसने काफी बर्बरता से कार्रवाई की है. इस घटना में कई पत्रकार भी घायल हो गए हैं. असल में पुलिस ने मस्जिद से बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पानी की बौछार की और आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिसकी वजह से कई पत्रकार घायल हो गए. शहर के फॉरेन कॉरेस्पॉन्डेंट क्लब ने एक बयान में इस घटना की निंदा करते हुए स्वतंत्र जांच करने का आह्वान किया है.
बता दें कि किसी व्यक्ति को चीन को प्रत्यर्पित किए जाने संबंधी विधेयक को लेकर भड़के गुस्से के बाद हांग कांग के लाखों लोग सड़कों पर उतर आए थे. ब्रिटेन ने 1997 में हांगकांग को चीन को सौंपा था. अब इतने साल बाद चीनी सरकार के सामने यह मुद्दा बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. हाल में सरकार विरोधी- प्रदर्शनों को रोकने के मकसद से मास्क के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद प्रदर्शनकारी काफी उग्र हो गए और उन्होंने दुकानों में आग लगा दी और पेट्रोल बम फेंके.
प्रतिबंध लगाए जाने की पुष्टि करते हुए लैम ने कहा कि हम बढ़ती हिंसा को इस प्रकार से होते रहने देने की अनुमति नहीं दे सकते हैं. हम हिंसा को रोकने के लिए संभावित कानूनों की खोज कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शुक्रवार सुबह एक्सो की विशेष बैठक बुलाई और मास्क पहनकर प्रदर्शन करने पर प्रतिबंध लागू करने का फैसला किया. यह शुक्रवार मध्यरात्रि के बाद से प्रभाव में आएगा.
झुक गई सरकार!
स्थानीय मीडिया में हाल में दावा किया गया था कि हांगकांग की विधायिका ने विवादास्पद प्रत्यर्पण बिल को वापस लेने का फैसला किया है. बिल के लिए दूसरी रीडिंग पिछले बुधवार दोपहर को फिर से शुरू हुई. इस दौरान सुरक्षा सचिव जॉन ली ने ऐलान किया कि बिल वापस ले लिया गया है. हालांकि अभी प्रदर्शनकारी संतुष्ट नहीं हैं और उनका विरोध-प्रदर्शन जारी है.