आईएनएस खंडेरी दूसरी कलावरी क्लास सबमरीन यानी पनडुब्बी है. नौसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए आईएनएस खंडेरी को नौसेना 19 सितंबर को सौंप दिया गया था और 28 सितंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खुद मुंबई में इसकी कमिंशनिग करेंगे, लेकिन इस आईएनएस खंडेरी की कई खासियत है जो इसे देश मे मौजूद सबमरीन्स में से सबसे बेहतर और उन्नत बनाती है. आईएनएस (INS) खंडेरी को कई भागों में बांटा जा सकता है. सबसे पहले हम इसके बैटरी वाले सेक्शन यानी जहां से सबमरीन को मूव होने के लिए एनर्जी मिलती है.
आईएनएस खंडेरी दो पेरिस्कोप से लैस है. आईएनएस खंडेरी के ऊपर लगाए गए हथियारों की बात की जाए तो इस पर 6 टॉरपीडो ट्यूब्स बनाई गयी है, जिनसे टोरपीडोस को फायर किया जाता है. इसके अलावा इसमे एक वक्त में या तो अधिकतम 12 तोरपीडोस आ सकते है या फिर एन्टी शिप मिसाइल SM39, इसके साथ ही माइंस भी ये सबमरीन बिछा सकती है. कौन कितनी संख्या में रखा जाएगा सबमरीन में, ये इस बात पर निर्भर करता है कि वो कौनसे मिशन पर जाने वाला है. इस सबमरीन पर करीब 40 लोगो का क्रू एक साथ काम कर सकता है जिनमे से 8 से 9 अफसर होते है.
– सबमरीन में जगह कम होने के कारण कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है.
– सबमरीन में किचन को गैली कहा जाता है.
– यहां खाना बनाने में भी काफी सावधानी बरतनी पड़ती है
– खाना बनाते वक्त यहां छौंका नहीं लगा सकते, क्यूंकि धुएं को बाहर जाने का रास्ता नहीं मिल पाता.
– इसके अलावा जवानों के सोने के लिए अलग अलग कंपार्टमेंट होते है
– 3 3 घंटे की ड्यूटी के बाद जवान, 6 घंटे का ब्रेक लेते है.
– जहां तक हो सके पानी का इस्तेमाल कम किया जाता है.
ये तमाम लोग देश की सुरक्षा को लेकर कोई भी कोताही बरतने के मूड में नही है. हालांकि इस बीच कभी कभी परिवार की याद तो आती है लेकिन इस बात का कोई मलाल नही होता कि 45 – 45 दिनों अपने घरवालों से कोई बात नही हो पाती इनकी.