लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर मोदी सरकार का समर्थन कर फिर से एक बार सबको चौंका दिया है, उन्होने सोमवार को ट्वीट कर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा बिना अनुमति कश्मीर जाने को अनुचित ठहराया, उन्होने कहा कि 69 साल बाद अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद वहां के हालात को सामान्य होने में थोड़ समय लगेगा, ऐसे में कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं का कश्मीर जाना मोदी सरकार और वहां के गवर्नर को राजनीति करने का मौका देने जैसा है।
आखिर समर्थन क्यों
मायावती के इस रुख से एक बार फिर सियासी गलियारों में इस बात की खूब चर्चा हो रही है, कि आखिर राजस्थान और एमपी में कांग्रेस सरकार को समर्थन देने वाली, मोदी सरकार और बीजेपी की धुर विरोधी मायावती आखिर इस फैसले पर क्यों समर्थन कर रही है, यूपी बीजेपी प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने कहा, कि राष्ट्रवाद के मुद्दे पर जो भी राजनीतिक पार्टी इस फैसले का स्वागत करता है, वो बीजेपी के लिये स्वागत योग्य है, मायावती ने संसद में भी इस बिल का समर्थन किया था, लेकिन कुछ लोग हैं, जो पाक जैसी सोच के साथ काम कर रहे हैं।
भाई पर लगे है आरोप
कुछ लोगों का कहना है कि इन दिनों केन्द्रीय जांच एजेंसी भ्रष्टाचार को लेकर काफी सख्त है, पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम गिरफ्तार हो चुके हैं, मायावती के भाई आनंद कुमार पर भी बेनामी संपत्ति का आरोप है, ऐसे में वो सरकार का समर्थन कर लाभ उठाना चाहती है, इसी वजह से अचानक मायावती के सुर बदल गये हैं।
फैसले का स्वागत है
शलभमणि त्रिपाठी ने कहा कि ये देश से जुड़ा मुद्दा है, कोई भी राजनीतिक दल बीजेपी के नेताओं पर आरोप लगाये, निंदा करे, हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जब बात देश की हो, तो सबको एकजुट हो जाना चाहिये, कश्मीर पर जो राग पाकिस्तान अलाप रहा है, और वहां जिस तरह की स्थिति पैदा करना चाहता है, उसे कुछ लोग भारत में भी समर्थन दे रहे हैं, विपक्ष के लोग भी ऐसी निंदनीय घटना से बचे, मायावती का फैसला विपक्षी दलों को नसीहत दे रही है, तो उसका स्वागत है।