नई दिल्ली। NDA सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली का लंबे समय से चली आ रही गंभीर बीमारी के कारण शनिवार को निधन हो गया । वो अभी 67 साल के थे । जेटली पिछले कुछ सालों से कई तरह की बीमारियों से गुजर रहे थे, लेकिन धीरे-धीरे कर समस्याओं ने विकराल रूप ले लिया और आखिरकार उन्होने देह को त्याग दिया । मधुमेह, मोटापा, गुर्दा, कैंसर, पेट और फेफड़े से जुड़े रोगों का वो सामना करते रहे ।
इस वजह से रुक गईं सासें
एमस के डॉक्टर्स ने बताया कि निधन से पहले अरुण जेटली को दो बार हार्ट अटैक आया था । इसीवजह से उनकी सांसे रुक गईं । जेटली 9 अगस्त से एम्स में भर्ती थे और लाइफसपोर्ट सिस्टम पर थे । उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था । आपको बता दें इससे पहले जेटली आंतों में रक्तस्त्राव होने के कारण काफ बीमार रहे । साल 2014 में जेटली ने एम्स में गैस्ट्रो यानि पेट से जुड़ा एक ऑपरेशन कराया । जिसके बाद उनका वजन भी काफी कम हो गया था ।
परहेज कर रहे थे जेटली
ऑपरेशन के बाद से ही डॉक्टरों ने उन्हें सेहत को लेकर खास सतर्क रहने के लिए कहा था । वो संतुलित आहार लेते थे, खाने-पीने में परहेज भी करते थे । सात्विक भोजन के लिए उनका टिफन बाकायदा घर से बनकर वित्त मंत्रालय और सदन तक आता था। बावजूद इसके 2017 में उन्हें किडनी से जुड़ी तकलीफ शुरू हो गई । कई बार डायलिसिस के बाद साल 2018 में एम्स में ही उनकी किडनी ट्रांसप्लांट की गई । 6 महीने तक जेटली की सेहत में सुधार रहा लेकिन उसके बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी ।
2018 में कैंसर का पता चला
2018 में ही डॉक्टर्स को पता चला कि उन्हें फेफड़े में एक प्रकार के कैंसर हो गया है । इसके बाद जनवरी में न्यूयॉर्क के डॉक्टरों से ऑपरेशन भी कराया गया, लेकिन उनकी सेहत लगातार बिरती चली गई । उनका घटता वजन चिंता का विष्य था । बीते 9 अगस्त को उन्हें सांस लेने में दिक्कत के बाद एम्स भर्ती कराया , जहां उनके फेफड़ों में पानी भरने की बात बताई गई । लेकिन इसके बाद उनकी सेहत बिगड़ती ही चली गई, उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर डालना पड़ा । जहां से वो वापस नहीं लौट पाए ।