कुआलालंपुर। भगोड़े उपदेशक जाकिर नाईक पर पूरे मलेशिया में भाषण देने पर रोक लगाने के कुछ दिनों बाद अब वहां के गृहमंत्री एम. यासीन ने उन्हें चेतावनी दी है. उन्होंने साफ कहा कि कोई भी देश के कानून से ऊपर नहीं है, यहां तक कि जाकिर नाईक भी नहीं. उन्होंने कहा कि नाईक के बयानों से काफी असुविधा हुई जिसकी वजह से न्याय सुनिश्चित करना पड़ा है.
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते मलेशिया की सरकार ने जाकिर नाईक पर पूरे मलेशिया में भाषण देने पर रोक लगा दी थी. जाकिर पर हिंदुओं और चीन के लोगों की भावनाएं आहत करने का आरोप है. मलेशिया पुलिस ने कार्रवाई पर जानकारी देते हुए कहा था कि राष्ट्रीय सद्भाव और लोगों के हितों के लिए जाकिर पर कार्रवाई की गई है. मलेशिया पुलिस ने बीते सोमवार को जाकिर नाईक से 10 घंटे तक पूछताछ भी की थी. इसी बीच, जाकिर ने गिड़गिड़ाते हुए माफी मांगी थी.
भारत से भागकर मलेशिया में रह रहे विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाईक ने हाल में मलेशिया के मुस्लिम बहुल होने के बावजूद हिंदुओं के पास ढेर सारे अधिकार होने की बात कही थी. जाकिर ने कहा कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत में अल्पसंख्यक मुस्लिमों की तुलना में 100 गुना अधिक अधिकार मिले हैं. इस नस्लीय टिप्पणी का भारतीय समुदाय ने सख्त विरोध किया था. इसे आपसी भाई-चारे, सौहार्द और समानता के अधिकार के खिलाफ टिप्पणी के रूप में देखा गया था.
गौरतलब यह भी है कि ज़ाकिर की संस्था Peace टीवी के नाम से चैनल भी चलाती है. यानी नाम Peace है और काम अशांति का है. भारत में इस चैनल का प्रसारण ग़ैर-क़ानूनी है. बावजूद इसके तकनीक का इस्तेमाल करके ये व्यक्ति अभी भी, नफरत भरे भाषणों का प्रचार और प्रसार करता है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर भी इसने भड़काऊ बातें कही थीं और उसे Israel और Palestine के विवाद से जोड़ दिया था.