क्या पतंजलि के CEO आचार्य बालकृष्ण को खिलाया गया जहरीला पेड़ा, किसने रची साजिश?

हरिद्वार। पतंजली (Patanjali) योगपीठ से जुड़े तमाम समर्थकों के लिए बीते चौबीस घंटे बेहद तनावपूर्ण रहे. योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) को शुक्रवार को गंभीर हालत में ऋषिकेश स्थित एम्स लाया गया था. चिकित्सकों के लगातार और बेहतर प्रयास का नतीजा ये रहा कि आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) अब बिल्कुल ठीक हैं. वे वापस पतंजली (Patanjali) पहुंच चुके हैं. हांलाकि, इन सबके बीच सोशल मीडिया पर आई खबरों ने कई सवाल खड़े किए हैं, जिनका जवाब मिलना बाकि है.

आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) वह नाम है जिसे देश और दुनिया में भली भांति जाना जाता है. योगगुरु रामदेव के बेहद करीबी बालकृष्ण को शुक्रवार को चिंताजनक हालत में एम्स लाया गया. इससे पहले उनकी खराब हालत को देखते हुए हरिद्वार के भूमानंद अस्पताल से हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया था. सुबह से ही उनके शुभचिंतकों का एम्स में तांता लगा रहा.

सीएम त्रिवेंद्र रावत हों या फिर खुद योगगुरू रामदेव सभी आचार्य का हाल लेने के लिए एम्स पहुंचे. आचार्य जल्द से जल्द ठीक हों ये कामना हर कोई कर रहा था. इस बीच कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय ने एक ट्वीट कर सोशल मीडिय़ा पर चल रही खबरों को हवा दे दी. उपाध्याय ने आशंका जाहिर की है कि आचार्य महज बिमार नहीं हैं बल्कि उनके साथ कोई साजिश की गई है. असल, में सोशल मीडिया में चर्चाएं इस तरह की हैं कि बालकृष्ण को किसी मिलने वाले ने एक मिठाई खिलाई, जिसके बाद उनकी हालत खऱाब हो गई. अब वह शख्स कौन था. क्या उसकी मंशा साफ थी, या मिठाई खाकर आचार्य का बीमार पड़ना महज एक इत्तेफाक भर था. हांलाकि खुद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी जांच से इनकार नहीं कर रहे हैं. योगगुरू रामदेव तो खुलकर आशंका भी जता रहे हैं और जांच की बात भी कह रहे हैं.

दरअसल, आचार्य की तबीयत खराब होने के पीछे जिस मिठाई को वजह माना जा रहा है. उसकी जांच के लिए एम्स की ओर से एंजाइम को दिल्ली भेजा गया है. अब सबकुछ उस रिपोर्ट पर निर्भर है, जो दिल्ली से आनी है.

एम्स के डीन एकेडममिक डॉक्टर मनोज गुप्ता की माने तो फिलहाल कुछ भी कह पाना संभव नहीं है. रिपोर्ट सामने आने के बाद ही ये पता लग पाएगा कि आचार्य की तबीयत खराब होने के पीछे वजह क्या थी. क्या वास्तव में बालकृष्ण किसी साजिश का शिकार हुए या फिर उस मिठाई (पेड़ा) में कुछ एसा था जो आचार्य को हजम नहीं हो पाया. चूंकि मामला बेहद हाई प्रोफाइल है, लिहाजा पुलिस के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं. ऑफ द कैमरा उनका कहना है कि अभी तक मामले में किसी तरह की कोई शिकायत नही मिली है, लिहाजा कुछ भी करना और कहना जल्दबाजी होगी.

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