लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार बुधवार को हुआ. इसमें 23 विधायकों को मंत्रीपद की शपथ दिलाई गई. जिनमें से 6 को कैबिनेट मंत्री, 6 को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 11 को राज्यमंत्री के रूप में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पद एवं गोपनीयता के रूप में शपथ दिलाई.
कैबिनेट मंत्री बनाए गए 6 में से 4 पूर्व राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रहे जिनका प्रमोशन किया गया. वहीं मंगलवार का दिन कई मंत्रियों के लिए अच्छा नहीं रहा. कई मंत्रियों के काम में लापरवाही को देखते हुए उनका इस्तीफा ले लिया गया है. देर रात पांच मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर कर लिये गए. सरकारी प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है.
वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल और भूतत्व एवं खनिकर्म राज्य मंत्री अर्चना पांडेय ने मंगलवार को अपना इस्तीफा सौंपा. योगी कैबिनेट के विस्तार से ठीक पहले राजेश अग्रवाल, धर्मपाल सिंह, बहराइच की विधायक अनुपमा जायसवाल और अर्चना पांडेय को डिमोशन (Dimosion) का झटका मिला है.
अंदरखाने की बात यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ इन मंत्रियों की कार्यशैली से खुश नहीं थे. रीता बहुगुणा जोशी, डॉक्टर एस.पी. सिंह बघेल और सत्यदेव पचौरी सांसद निर्वाचित होने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं. जबकि स्वतंत्र देव सिंह ने हाल ही में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दिया है.
इसके अलावा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी योगी मंत्रिमंडल से बाहर हो चुके हैं. वहीं मंत्रिमंडल विस्तार में 4 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार से प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं. डॉ. महेंद्र सिंह, सुरेश राणा, भूपेंद्र सिंह चौधरी, अनिल राजभर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार थे जिनका प्रमोशन कैबिनेट विस्तार में हुआ है. इन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. वहीं डॉ. नीलकंठ तिवारी को राज्य मंत्री से राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाए गए हैं.
2022 के चुनाव को देखकर हुआ विस्तार
योगी कैबिनेट के इस विस्तार को 2022 के विधानसभा चुनाव और हाल ही में होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर देखा जा रहा है. योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कैबिनेट विस्तार में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को भी साधने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है. आज शपथ लेने वाले 23 मंत्रियों में से 6 ब्राह्मण, 3 क्षत्रिय, 3 वैश्य, 4 दलित और 7 पिछड़ा वर्ग से हैं. पहले मंत्रिमंडल को देखते हुए युवा चेहरों पर भी दांव लगाया गया है.