नई दिल्ली। देश की ऑटो इंडस्ट्री बुरे दौर से गुजर रही है. ऑटो इंडस्ट्री में जारी सुस्ती के बीच मारुति सुजुकी इंडिया के 3000 से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी चली गई है. यह पहली बार नहीं है जब मारुति सुजुकी में छंटनी की खबर आई है. इससे पहले भी मारुति सुजुकी के 1000 अस्थायी कर्मचारियों के नौकरी गंवाने की खबर ने सुर्खियां बटोरी थी.
इस बीच अशोक लीलैंड ने भी कर्मचारियों को कंपनी छोड़ने के लिए ऑफर दिया है. बता दें कि प्रोडक्शन और बिक्री में भारी गिरावट की वजह से अप्रैल माह से अब तक ऑटो सेक्टर में करीब 2 लाख से ज्यादा नौकरियां जा चुकी हैं.
क्या कहना है मारुति सुजुकी कान्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री में नरमी को देखते हुए अस्थायी कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट को आगे नहीं बढ़ाया गया है. हालांकि स्थायी कर्मचारियों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है. भार्गव ने कहा , ‘यह बिजनेस का हिस्सा है, जब मांग बढ़ती है तो कॉन्ट्रैक्ट पर ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती की जाती है और जब मांग घटती है तो उनकी संख्या कम की जाती है.’
भार्गव ने इसके साथ ही यह भी कहा कि मारुति सुजुकी से जुड़े करीब 3000 अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी चली गई है. भार्गव ने दोहराया कि ऑटो सेक्टर अर्थव्यवस्था में सेल्स, सर्विस, इंश्योरेंस, लाइसेंस, पेट्रोल पंप, ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी नौकरियां सृजित करता है. उन्होंने चेताया कि बिक्री में थोड़ी सी गिरावट से नौकरियों पर बड़े पैमाने पर असर पड़ेगा.
अशोक लीलैंड ने किया ये ऐलान
इस बीच, ऑटो इंडस्ट्री की एक अन्य बड़ी कंपनी अशोक लीलैंड ने कार्यकारी स्तर के कर्मचारियों के लिये कंपनी से अलग होने की योजना की घोषणा की है. इसके तहत कंपनी ने कर्मचारियों के लिये नोटिस जारी कर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) और कर्मचारी अलगाव योजना (ईएसएस) का ऑफर दिया है. कंपनी ने यह योजना ऐसे समय पेश की है जब उसके कर्मचारी बोनस बढ़ाने को लेकर हड़ताल पर हैं.
संकट में ऑटो इंडस्ट्री
ऑटो इंडस्ट्री लगातार बुरे दौर से गुजर रही है. बीते 9 महीने व्हीकल्स के प्रोडक्शन और सेल्स में गिरावट देखने को मिल रही है. जुलाई महीने में पैसेंजर्स व्हीकल की बिक्री 30.98 फीसदी कम हुई है. जुलाई 2019 में कुल 2 लाख 790 वाहनों की बिक्री हुई. जुलाई 2018 में यह आंकड़ा 2 लाख 90 हजार 931 वाहन पर था. इसी तरह मोटरसाइकिल की घरेलू बिक्री पिछले महीने 9,33,996 यूनिट रही. यह एक साल पहले के मुकाबल 18.88 फीसदी कम है. इन हालातों में ऑटो सेक्टर के संगठन सियाम ने सरकार से मदद भी मांगी है.