जयपुर। पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में निचली अदालत द्वारा मामले में प्रदेश सरकार ने तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन करने के आदेश दिए हैं साथ ही गहलोत सरकार ने यह भी आदेश दिए हैं कि यह एसआईटी 15 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. बता दें कि मामले को एक बार फिर से शुरू से इंवेस्टिगेट किया जा रहा है. इसके अलावा यह पता लगाने की भी कोशिश की जा रही है कि इस मामले की पैरवी में कहां लापरवाही की गई है.
बता दें कि निचली अदालत से इस केस के सभी आरोपियों को रिहाई ने जनता को चौंका दिया था. साथ ही इस मामले में प्रियंका गांधी ने कोर्ट के फ़ैसले पर हैरानी जताई थी. वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राजस्थान सरकार को लापरवाह बताया. वहीं बीजेपी ने सरकार पर तुष्टीकरण के आरोप लगाए हैं लेकिन कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी की आत्मा मर चुकी है. बीजेपी सिर्फ वोट की राजनीति कर रही है.
वहीं सरकार इस मामले में पहले ही कोर्ट के खिलाफ अपील करने का निर्णय ले चुकी है. यहां तक कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्विटर पर एक ट्वीट भी किया था. अपने इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था, हमारी सरकार ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ अगस्त 2019 के पहले सप्ताह में कानून लागू किया है. हम पहलू खान के परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. राज्य सरकार, एडीजे कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेगी.
गौरतलब है कि 14 अगस्त को इस मामले में फैसला सामने आया था. जिसमें कोर्ट द्वारा सभी 6 आरोपियों को बरी कर दिया गया. यह फैसला जस्टिस डॉ. सरिता स्वामी ने सुनाया था. अलवर में करीब दो वर्ष पूर्व गो तस्करी के मामले में हुई पहलू खान की हत्या के बाद देश, दुनिया में यह मामला सुर्ख़ियों में रहा था. इस मामले में दो बाल अपराधियों सहित कुल 9 को आरोपी बनाया गया था. न्यायालय में अभियोजन पक्ष से 44 लोगों के बयान करवाए गए थी. तीन अन्य नाबालिग अपराधियों का मामला किशोर न्यायालय में चल रहा है.
बता दें कि राजस्थान के अलवर के बहरोड़ में एक अप्रैल 2017 को हरियाणा के जयसिंहपुरा निवासी पहलू खान अपने बेटों और भतीजों के साथ दो गाड़ियों में जयपुर के हटवाड़ा से गायों को लेकर अपने गांव जा रहा था. रास्ते में बहरोड़ में भीड़ ने उन्हें रोककर गो तस्करी के शक में मारपीट की जिसमें पहलू खान गंभीर रूप से घायल हो गया था जिसे निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.