अयोध्या/लखनऊ। अयोध्या मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया है. आगामी 6 आगस्त से अब हर रोज अयोध्या मामले पर सुनवाई होगी. शुक्रवार (02 अगस्त) को मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि मध्यस्थता का कोई नतीजा नहीं निकला है. कोर्ट के इस फैसले के बाद रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि मध्यस्थता से सिर्फ समय की बर्बादी हुई है.
सुप्रीम कोर्ट को लेना है फैसला
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रामलला के मुख्य पुजारी ने कहा कि मध्यस्थता से इस मसले पर कभी भी समाधान नहीं हो सकता था. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को ही इस मसले पर सुनवाई करके फैसला लेना है. इसलिए मध्यस्थता समिति को बनाकर इस फैसले को और लंबित किया गया. मध्यस्थता से कोई हल नहीं निकलास सिर्फ समय की बर्बादी हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने ये दिया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अयोध्या मामले पर बड़ा फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है कि मामले में 6 अगस्त से इस मामले पर रोजाना सुनवाई होगी. यह सुनवाई खुली अदालत में की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि मध्यस्थता का कोई नतीजा नहीं निकला है. जानकारी के मुताबिक, इस मसले पर सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को इस मामले में लगातार सुनवाई होगी.
17 नवंबर, 2019 से पहले आ सकता है फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले में गठित मध्यस्थता कमेटी को भंग कर दिया है. 17 नवंबर, 2019 से पहले अयोध्या मामले पर फैसला आ जाएगा, क्योंकि संवैधानिक बेंच के प्रमुख यानि सीजेआई रिटायर हो रहे हैं. इसलिए उनके रिटायरमेंट से पहले इसपर फैसला आ सकता है.