नई दिल्ली। हाल में ही द हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) ने पाकिस्तान सरकार को आदेश दिया था कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच (काउंसलर एक्सेस) की सुविधा प्रदान की जाए. इस सिलसिले में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जाधव को शुक्रवार को काउंसलर एक्सेस देने का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारत को सूचित किया गया है और जवाब का इंतजार है. इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”हम राजनयिक तरीके से पाकिस्तान से बातचीत कर रहे हैं. हम पाकिस्तान के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं.”
ICJ में भारत की जीत
इससे पहले 17 जुलाई को पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में भारत की जबर्दस्त राजनयिक जीत हुई है. नीदरलैंड के हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्याय न्यायालय (आईसीजे) ने न केवल जाधव की फांसी की सजा पर रोक को बरकरार रखा बल्कि पाकिस्तान से इस पर पुनर्विचार करने के लिए भी कहा. आईसीजे ने मामले में पाकिस्तान की तमाम आपत्तियों को खारिज कर दिया जिनमें इस मामले को सुनने की उसकी ग्राह्यता के खिलाफ दी गई दलील भी शामिल है. साथ ही अदालत ने पाकिस्तान के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि भारत ने जाधव की वास्तविक नागरिकता की जानकारी नहीं दी है.
अदालत का विस्तृत फैसला इसके अध्यक्ष ने पढ़ा. अदालत ने कहा कि उसे यह स्पष्ट है कि जाधव भारतीय नागरिक हैं और पाकिस्तान ने भी माना है कि जाधव भारतीय नागरिक हैं. जाधव को पाकिस्तान ने मार्च 2016 में पकड़ा था और अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने उन्हें भारतीय जासूस व आतंकवादी बताकर मौत की सजा सुनाई थी.
आईसीजे ने 15-1 के बहुमत से कहा कि जाधव की मौत की सजा पर उसके द्वारा लगाई गई रोक बरकरार रहेगी और उन्हें दोषी ठहराने और उन्हें दी गई सजा पर पुनर्विचार करने की जरूरत है. आईसीजे ने अपने फैसले में कहा, “इस मामले में वाजिब सुधार इस रूप में उपलब्ध है कि इस्लामिक रिपब्लिक आफ पाकिस्तान अपने तरीके से कुलभूषण सुधीर जाधव को दोषी ठहराए जाने और उन्हें दी गई सजा पर पुनर्विचार करे. इससे यह साबित हो सकेगा कि राजनयिक पहुंच के लिए वियना संधि के उल्लंघन के प्रभाव को दूर करने के लिए पर्याप्त बल दिया गया है.” आईसीजे ने मई 2017 में भारत की याचिका पर जाधव की फांसी की सजा पर अंतिम फैसला होने तक रोक लगा दी थी.
विएना संधि का उल्लंघन
आईसीजे ने जाधव तक राजनयिक पहुंच दिए जाने की भारत की मांग के पक्ष में फैसला सुनाया है. अदालत ने कहा कि पाकिस्तान ने जाधव से हिरासत में संपर्क कर उन्हें कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के अधिकार से भारत को वंचित किया और ऐसा कर उसने राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के प्रावधानों का उल्लंघन किया.
आईसीजे ने कहा कि पाकिस्तान बिना किसी देर के कुलभूषण जाधव को उनके अधिकारों से अवगत कराने और भारत को उन तक राजनयिक पहुंच देने के लिए वियना संधि के प्रावधानों के तहत ‘वचनबद्ध’ है.
जाधव को पाकिस्तान ने भारतीय जासूस बताते हुए मौत की सजा सुनाई हुई है. पाकिस्तान का कहना है कि वह आतंकी गतिविधि में शामिल थे. जबकि भारत ने इसे गलत बताते हुए इसके खिलाफ आईसीजे में अपील की हुई है. भारत का कहना है कि जाधव को पाकिस्तान ने ईरान से पकड़ा और जासूस तथा आतंकवादी बता दिया.