टीम इंडिया के हेड कोच के चयन की प्रक्रिया के लंबी खिंचने का अंदेशा है. हेड कोच के आवेदन की आखीरी तारीख निकल चुकी है और बीसीसीआई (BCCI) को नवगठित क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) के सदस्य़ों का ‘हितों के टकराव’ संबंधित शपथपत्र या ब्यौरे का इंतजार है. बुधवार को मीडिया में खबरें आई थीं कि इस वजह से कोच का चयन टलना तय माना जा रहा है. लेकिन अब बीसीसीआई ने अपनी ओर से इस दिशा में कदम उठाया है. बीसीसीआई ने इस दिशा में पहल की है सीईओ राहुल जौहरी ने सीएसी को इस संबंध में पत्र लिखकर कहा है कि वे जल्द शपथपत्र जमा करें.
क्या लिखा खत में जौहरी ने
बीसीसीआई के सूत्र ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि सीईओ राहुल जौहरी ने सीएसी को लिखे पत्र में कहा है कि वे ‘हितों के टकराव’ संबंधित अपना शपथपत्र या ब्यौरा जमा करें जिससे के टीम इंडिया के कोच के चयन की प्रक्रिया शुरू हो सके. सूत्र ने कहा, समिति के सभी तीन सदस्यों को एक मेल भेजी गई है जिसमें कहा गया है कि वे ‘हितों के टकराव’ संबंधित अपना ब्यौरा जल्द से जल्द दें क्योंकि टीम इंडिया के हेड कोच के पद के आवेदन की तारीख खत्म हो चुकी है और अब हमें नया कोच नियुक्त करना है. इसी लिए यह मेल भेजी गई है. हम उम्मीद करते हैं कि वे जल्द ही ऐसा करेंगे.”
खुद सक्रिय होना पड़ा जौहरी को
बुधवार को पता चला था कि टीम इंडिया के कोच के चयन की प्रक्रिया टल सकती है क्योंकि नवगठित सीएसी सदस्यों ने अभी तक ‘हितों के टकराव’ से संबंधित शपथ पत्र नहीं दिया है. सूत्र ने एनएनआई को बताया था, “अभी तक नवनियुक्त क्रिकेट सलाहकार समिति ने हितों के टकराव पर कोई शपथपत्र नहीं दिया है. इस लिए कोचों के चयन की प्रक्रिया टल सकती है. लेकिन हम उम्मीद कर रहे हैं कि शपथपत्र मिल जाएंगे. आवेदन करने वाले सभी सदस्य पूर्व क्रिकेटर हैं और फिलहाल किसी न किसी रूप में सक्रिय हैं. कुछ कॉमेंटेटर हैं, कुछ कोच है या फिर कोई एकेडमी चला रहे हैं. फिलहाल हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. हमें उनसे शीघ्र ही शपथ पत्र मिलने की उम्मीद हैं.”
नई सीएसी बनानी पड़ी थी
प्रशासकों की समिति (सीओए) द्वारा बनाई गई नई क्रिकेट सलाहकार समिति में कप्तान कपिल देव, गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी शामिल हैं. इससे पहले की सीएसी सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, और वीवीएस लक्ष्मण की बनी थी. तेंदुलकर और लक्ष्मण सीएसी से इस्तीफा पहले ही दे चुके थे. जबकि सौरव गांगुली की ओर से कोई सूचना नहीं थी. इसलिए कोच की नियुक्ति के लिए एक नई सीएसी के गठन की जरूरत पड़ी. लेकिन अभी तक कपिल, गायकवाड़ और रंगास्वामी तीनों ने हितों के टकराव संबंधी कोई शपथपत्र या ब्यौरा नहीं दिया है.
हितों के टकराव का मु्द्दे की वजह से पिछली सीएसी, जिसमें सचिन तेंदलुकर, सौरव गांगुली और वीवीएस. लक्ष्मण शामिल थे, ने महिला टीम के कोच की नियुक्ति से इनकार करते हए अपनी जिम्मेदारियों के बारे में सीओए से स्पष्टीकरण मांगा था. सचिन, सौरव और लक्ष्मण ने यह तभी किया था, जब इन तीनों पर सीएसी का सदस्य रहते हुए आईपीएल फ्रेंचाइजियों के साथ जुड़ने को लेकर हितों के टकराव का मुद्दा उठा था. इसके बाद ही कपिल, अंशुमन और शांता की तिकड़ी ने ही कुछ दिन पहले डब्ल्यूवी. रमन की नियुक्ति महिला टीम के कोच के तौर पर की थी.
ऐसे ही गठित नहीं हो जाती सीएसी
सीएसी के गठन के समय बीसीसीआई की एक शीर्ष अधिकारी ने बताया था कि इस सीएसी के तीन सदस्य होंगे और वे यह देखेंगे कि हितों का टकराव नहीं है. क्या यह सलाहकार समिति नियुक्त की भी जा सकती है या नहीं यह भी एक बड़ा मुद्दा है क्योंकि सीएसी को केवल वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में ही बनाया जा सकता है. इसके बाद भी सीएसी का गठन हुआ लेकिन हितों के टकराव का मामला सुलझा नहीं हैं.