जम्मू-कश्मीर के मस्जिद इस समय गृह मंत्रालय की निगरानी पर हैं। टाइम्स नॉउ की खबर के मुताबिक राज्य के सभी जिलों से वहाँ स्थित मस्जिदों के प्रशासन की जानकारी माँगी गई है। गृह मंत्रालय ने राज्य के सभी जिले के पुलिस अधिकारियों को सभी मस्जिदों से जुड़ी जरूरी जानकारी भेजने के निर्देश दिए हैं। जिसमें इन मस्जिदों के लोकेशन और प्रशासन की सूचना भी शामिल है।
इसके अलावा गृह मंत्रालय ने मस्जिद के मौलवियों, मस्जिद की फंडिग और मस्जिद के संचालन का भी ब्यौरा माँगा है। गृह मंत्रालय ने कहा, “प्रारूप के अनुसार उच्च अधिकारी कार्यालय के पर्फोमा के मुताबिक अपने संबंधित क्षेत्राधिकार में आने वाले मस्जिद और उनके प्रशासन की जानकारी तुरंत भेजें।”
#Exclusive | Mosques in J&K under Home Ministry lens. All districts asked to provide details of the management of all mosques in the Valley. | Vivek Narayan reads the MHA order. | #KashmirMosqueOrder pic.twitter.com/Ke2WoS2MNx
— TIMES NOW (@TimesNow) July 29, 2019
इस निर्देश के बाद मजहबी धर्मगुरूओं ने इसका विरोध किया है और इसे मजहब में दखलअंदाजी बताया है। हालाँकि गवर्नर के सलाहकार ने टाइम्स नॉउ से बातचीत में ऐसे किसी भी ऑर्डर के जारी होने की बात को खारिज किया है जबकि चैनल के मुताबिक दूसरे एक अन्य पुलिस ऑर्डर में ऐसा निर्देश जारी होने की बात है।
बता दें कि जम्म-कश्मीर राज्य में मस्जिदें बहुत लंबे समय से सवालों के घेरे में हैं क्योंकि उनमें से कुछ ऐसे शक्ति केंद्र हैं, जहाँ से अलगाववादी गतिविधियाँ प्रसारित होती हैं। जबकि इसके अलावा कुछ मस्जिदों को लेकर माना जाता है कि वे आतंकी अभियानों के लिए धन मुहैया कराने के लिए एक मोर्चे के रूप में इस्तेमाल होते हैं और साथ ही यहाँ शुक्रवार की नमाज के बाद मुस्लिम बच्चों को मज़हबी उपदेश के माध्यम से राज्य के ख़िलाफ़ हथियार उठाने को उकसाया जाता है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा लिए गए इस एक्शन का सिर्फ़ यही उद्देश्य है कि इबादत करने वाले धार्मिक स्थलों का आतंकवादियों द्वारा गलत इस्तेमाल न किया जाए। क्योंकि इस्लामी कट्टरपंथियों और वाहबियों ने पिछले कुछ सालों से मस्जिदों को सुरक्षाबल और देश के नागरिकों के ख़िलाफ़ होने वाली आतंकी गतिविधियों के लिए प्रभावित किया है।