सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (COA) की बीते शुक्रवार को यहां हुई बैठक तब तक ठीक जा रही थी जब तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अधिकारियों के वेतन वृद्धि का मुद्दा नहीं उठा था. इस बैठक में बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) ने इसके लिए आईपीएल के सीओओ हेमंग अमीन के स्थान पर सीएफओ संतोष रांगनेकर का नाम भी सुझाया.
इस मामले के संबंध रखने वाले एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि जौहरी और लेफ्टिनेंट जनरल रवींद्र थोडगे ने संतोष के वेतन में वृद्धि का समर्थन किया लेकिन इस बात से डायना इडुल्जी को ऐतराज हुआ और उन्होंने अमीन के लिए भी वेतनवृद्धि की मांग की. इस बात को लेकर सीओए के बीच तनातनी बढ़ गई.
डायना का फैसला
सूत्र ने कहा, “थोडगे ने जौहरी के सीएफओ के वेतनवृद्धि के प्रस्ताव का समर्थन किया और इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं थी लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा था कि आईपीएल सीओओ को दबाने की कोशिश हो रही है और यहां डायना ने फैसला लिया है कि वह अमीन के साथ खड़ी रहेंगी.”
बीसीसीआई के एक कार्यकारी ने कहा कि बैठक में यह तर्क दिया गया कि आईपीएल सीओओ को सीएफओ के साथ समान स्टेज पर नहीं रख सकता क्योंकि आईपीएल पूरे साल नहीं होता है और अमीन की टीम जो मेहनत करती है वो सिर्फ आईपीएल के दो महीनों तक सीमित नहीं रहती.
काम को जज नहीं किया जा सकता
कार्यकारी ने कहा, “दो महीनों के टूर्नामेंट को लेकर अमीन के काम को जज नहीं किया जा सकता. वह अपनी टीम के साथ पूरे साल काम करते हैं ताकि आईपीएल में चीजें सही से हो सकें और यह सुनिश्चित किया जा सके की आईपीएल विश्व क्रिकेट का सबसे अच्छा घरेलू टूर्नामेंट साबित हो सके.”
बैठक छोड़कर चली गईं
ऐसी खबरें हैं कि डायना ने वेतनवृद्धि के फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं किए और वह बैठक छोड़कर चली गईं. इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकी क्योंकि डायना बात करने के लिए उपलब्ध नहीं थीं.