पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक और प्रवक्ता आसिफ गफूर ने एकबार फिर से अपने ट्विटर हैंडल से फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की है. आसिफ गफूर ने रविवार को एक झूठा वीडियो ट्वीट किया और दावा किया कि भारतीय वायुसेना के पूर्व एयर मार्शल ने माना है कि भारत को इसी साल 27 फरवरी को बालाकोट में की गई कार्रवाई में नुकसान और असफलता हाथ लगी थी. हालांकि, वीडियो के फर्जी साबित होने के बाद गफूर ने माना कि इस क्लिप को छेड़छाड़ करके तैयार किया गया है. हालांकि, उन्होंने औपचारिक रूप से गलती नहीं मानी है.
Admission of Indian failure and losses on 27 February 2019 by a well decorated Indian Airforce veteran Air Marshal Denzil Keelor.#Surprise pic.twitter.com/uTeErbucCl
— Asif Ghafoor (@peaceforchange) July 28, 2019
जांच में सामने आया है कि यह वीडियो करीब 4 वर्ष पुराना है और पूर्व एयर मार्शल 1965 के युद्ध की बात कर रहे थे. यह वीडियो यूट्यूब पर मौजूद है और इसमें पूर्व एयर मार्शल 1965 के युद्ध की चर्चा कर रहे थे. यह वीडियो यूट्यूब पर 9 अगस्त, 2015 को वाइल्डरनेस फिल्म्स इंडिया द्वारा पोस्ट किया गया था. यह वीडियो नेहरू लॉस्ट इंडिया द वार के शीर्षक से यूट्यूब पर मौजूद है. इसमें एयर मार्शल डेंजिल कीलोर 1962 और 1965 के युद्धों पर बातचीत की थी. वहीं, आसिफ गफूर ने पूर्व एयर मार्शल के इस वीडियो की एक फेक क्लिप ट्वीट करते हुए दावा किया गया था कि डेंजिल कीलोर 27 फरवरी को भारत की पाकिस्तान के बालाकोट में की गई कार्रवाई के दौरान विफलताओं की बात कर रहे हैं.
The clip of Air Marshal is revealed to be doctored through inset. Admission and expression were too identical to differentiate. Unintentional omission is acknowledged, especially to Indians.
Nonetheless, environment remained unchanged for IAF on both the occasions.
वहीं, इस वीडियो के सामने आने के बाद यूजर्स ने आसिफ गफूर और पाकिस्तानी सेना को ट्रोल करना शुरू कर दिया. ट्रोल होने के बाद आसिफ गफूर ने एक अन्य ट्वीट कर कहा कि इस वीडियो को छेड़छाड़ कर तैयार किया गया है. हालांकि, इसके बावजूद गफूर ने वह वीडियो नहीं हटाया है और औपचारिक रूप से कोई माफी नहीं मांगी है. बता दें कि यह पहली बार नहीं है, जब आसिफ गफूर ने इस तरह का झूठा प्रचार किया हो. इससे पहले 27 फरवरी को उन्होंने दावा किया था कि उनकी कस्टडी में दो भारतीय पायलट हैं. बाद में उनको कहना पड़ा कि केवल एक पायलट अभिनंदन वर्थमान ही उनके पास है.