लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 26 जुलाई को एक मस्जिद के भीतर मॉब लिंचिंग से बचने के लिए मुसलमानों को हथियार खरीदने की ट्रेनिंग दी गई। यह सब कोई और नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद पराचा की देख रेख में हो रहा है। पराचा खुद मस्जिद में जुम्मे की नमाज़ से पहले अपने मुसलमान भाइयों को हथियारों के बारे में जानकारी दे रहे थे। इस कैंप में उन्होंने मुसलमानों को ‘आत्मरक्षा’ के नाम पर बताया कि वे हथियारों के फॉर्म को कैसे भरें कि उनका फॉर्म रिजेक्ट न हो।
टाइम्स नॉउ द्वारा दिखाई वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि महमूद अपने मुसलमान भाइयों से कहते नजर आ रहे हैं कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों को पूरे मुल्क में खतरा है। वे उत्तर प्रदेश में भी सुरक्षित नहीं हैं।
उनके मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार एक नया कानून लेकर आने वाली है क्योंकि आज के जो कानून हैं और आज की जो पुलिस व्यवस्था है वो (मुसलमानों के बचाने के लिए) काफी नहीं है। इस दौरान महमूद ने वहाँ बैठे मुसलमानों को ये भी बताया कि बहुत से ऐसी जगहें हैं जहाँ पर हथियार चलाना सिखाया जाता है।
#Breaking | Muslim Advocate Mahmood Paracha conducted a training camp at a Lucknow mosque to provide assistance to Muslim men in filing up weapon license forms. More details by @scribe_prashant.
इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट के वकील इस दौरान मुसलमानों को हथियार खरीदने के लिए उकसाते हुए भी नजर आए। उन्होंने कहा कि अगर हथियार खरीदने के लिए कीमती सामान बेचने की जरूरत हो तो उसे बेचकर भी हथियार खरीदें। महमूद की मानें तो इस तरह की ट्रेनिंग वे 12 जगहों पर देंगे। जिसमें अगली बारी दिल्ली की है।
गौरतलब है कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद पराचा ने शिया धर्मगुरू के साथ मिलकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरन इस कैंप के आयोजन का ऐलान किया था। उन्होंने बताया था कि इस कैंप में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मॉब लिंचिंग से बचने के लिए हथियार खरीदने के बारे में जानकारी दी जाएगी। हालाँकि, इस घोषणा के बाद शिया धर्मगुरू और वकील महमूद पराचा को बहुत आलोचनाओं और FIR का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद कल्बे जव्वाद ने अपनी सफाई में यू-टर्न लेते हुए कहा था कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। साथ ही बताया था कि इस कैंप के आयोजक महमूद पराचा ने इस आयोजन को स्थगित कर दिया है और इस कैंप में हथियार चलाने की ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी।