बेंगलुरू। कर्नाटक की राजनीति में बूकानाकेरे सिद्दालिंगप्पा येदियुरप्पा (Bookanakere Siddalingappa Yediyurappa) एक बार फिर सबसे बड़े नेता बनकर उभरे. बीएस येदियुरप्पा चौथी बार कर्नाटक के सीएम बने. कर्नाटक की राजनीति में वह उन नेताओं में से हैं, जिनकी मेहनत के बलबूते बीजेपी ने सत्ता की देहरी को चूमा. 80 के दशक में जब बीजेपी की स्थापना हुई उस समय कर्नाटक की राजनीति में बीजेपी को कोई नहीं जानता था, लेकिन अनंत कुमार और येदियुरप्पा जैसे ने बीजेपी को पहली बार दक्षिण के किसी राज्य में सत्ता के सिंहासन तक पहुंचाया.
27 फरवरी 1943 को जन्म येदियुरप्पा ने अपनी मां को चार साल की उम्र में ही खो दिया था. उनका जन्म तो मंड्या जिले के बूकानाकेरे गांव में हुआ, लेकिन उनकी कर्मभूमि बना शिवमोगा. जहां से वह सांसद बने और अब उनका बेटा सांसद है. कॉलेज की पढ़ाई येदि ने मंड्या के पीईएस कॉलेज से की.
1965 में सोशल वेल्फेयर डिपार्टमेंट में वह बतौर क्लर्क नियुक्त हुए. लेकिन जल्द ही वह अपनी नौकरी छोड़कर शिकारीपुरा आ गए. यहां उन्होंने वीरभद्र शास्त्री की शंकर राइस मिल में बतौर क्लर्क ही ज्वाइन किया. 1967 में उन्होंने मिल मालिक की बेटी मिथरादेवी से शादी की. इसके बाद उन्होंने शिमोगा में ही एक हार्डवेयर की दुकान शुरू की. येदि के 5 बच्चे हैं. इनमें तीन बेटियां और दो बेटे हैं.
संघ से शुरू हुआ सफर
येदि 1970 के आसपास संघ के संपर्क में आए. 1972 में वह शिकारीपुरा म्यूनिसिपालिटी के सदस्य चुने गए. वह अपनी तालुका के जनसंघ के अध्यक्ष चुने गए. 1975 में में शिकारीपुरा म्यूनिसिपालिटी के अध्यक्ष बने. 1985 में शिमोगा जिले के बीजेपी अध्यक्ष बने. 1988 में ही वह पार्टी के राज्य के अध्यक्ष बन गए. इससे पहले 1983 में वह पहली बार शिकारीपुरा विधानसभा से विधायक बने. इस विधानसभा से वह छह बार विधायक बने.
1994 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बने. 1999 में वह पहली बार विधानसभा का चुनाव भी हारे. हालांकि बीजेपी ने उन्हें काउंसिल के लिए चुना. 2004 में वह फिर से जीतकर आए. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी. इस दौरान वह मुख्यमंत्री बनते बनते रह गए.
बीएस येदियुरप्पा पहली बार 12 नवंबर 2007 को मुख्यमंत्री बने लेकिन सात दिन में ही उनकी सरकार गिर गई. दूसरी बार 30 मई 2008 को वह फिर से मुख्यमंत्री बने और 31 जुलाई 2011 तक पद पर बने रहे. हालांकि, कार्यकाल पूरा करने से पहले ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा और उनकी जगह डी वी सदानंद गौड़ा सीएम बन गए. 2018 में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जब बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी तो येदियुरप्पा फिर से सीएम बने लेकिन दो दिन में ही इस्तीफा दे दिया. अब जेडीएस-कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद वह चौथी बार सीएम बने हैं.