- आम्रपाली समूह के लिए विज्ञापन करने पर कैट ने की कार्रवाई की मांग
- नेफोवा ने वित्त और शहरी विकास मंत्री को पत्र लिखकर की जांच की मांग
विवादों से दूर रहने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान के सितारे इन दिनों क्रिकेट के मैदान में ही नहीं, मैदान के बाहर भी गर्दिश में चल रहे हैं. विश्वकप के दौरान अपने धीमे खेल से आलोचकों के निशाने पर रहे धोनी अब आम्रपाली समूह के कारण विवादों में हैं. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों की संस्था नेफोवा ने केंद्र सरकार के मंत्रियों को पत्र लिखकर धोनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
कैट ने केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान से भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. धोनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग आम्रपाली समूह के लिए विज्ञापन करने पर की गई है. कैट ने पासवान को पत्र भेजकर धोनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि उन्होंने विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को आम्रपाली परियोजनाओं में फ्लैट खरीदने के लिए प्रभावित किया.
कैट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ विभिन्न अनियमितताओं के लिए सख्त कार्रवाई करने के आदेश को आधार बनाकर कहा है कि बिल्डर दोषी पाया गया है, इसलिए धोनी की भी जवाबदेही बनती है. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि धोनी का विज्ञापन लोगों को मेहनत की कमाई परियोजनाओं में लगाने के लिए बढ़ावा देता है, जो अभी भी अपूर्ण हैं.
कैट नेताओं ने केंद्रीय मंत्री पासवान से संसद के वर्तमान सत्र में उपभोक्ता सुरक्षा विधेयक पारित कराने की भी मांग की है. इसके पीछे दलील दी जा रही है कि इससे मशहूर हस्तियों द्वारा भ्रामक विज्ञापनों से लोगों को बचाया जा सकेगा.
दूसरी तरफ आम्रपाली के फ्लैट खरीदारों की संस्था नेफोवा ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को पत्र लिखकर धोनी और उनकी पत्नी साक्षी धोनी की कंपनियों की जांच कराने की मांग की है. नेफोवा ने पत्र में आम्रपाली को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश में फोरेंसिक ऑडिटर्स का हवाला दिया है, जिसमें आम्रपाली ग्रुप ने फ्लैट खरीदारों के रुपये धोनी की कंपनी से समझौता कर अवैध तरीके से डायवर्ट करने का उल्लेख है.
आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों के वकील एमएल लाहोटी ने कहा कि धोनी की पत्नी साक्षी ग्रुप की एक कंपनी की डायरेक्टर हैं. इस नाते वह कंपनी की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि धोनी से संबंधित स्पोर्ट्स कंपनी का नाम भी ऑडिट में शामिल है. यह देखना होगा कि साक्षी धोनी और स्पोर्ट्स कंपनी की क्या भूमिका है. मामले की जांच अब ई़डी करने जा रही है.
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को नगदी में शेयर पूंजी दी गई और सभी खर्चों का भुगतान भी किया गया. नेफोवा ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखा है और इस मामले में हस्तक्षेप और पूरे मामले की जांच की मांग की है.