बेंगलुरू। कर्नाटक के सियासी संकट के बीच जहां विधानसभा में विश्वासमत पर बहस हो रही है, वहीं इस बीच सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आ रही है कि बागी विधायकों को व्हिप जारी करने के मसले पर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सकती है.
कर्नाटक में सियासी संकट के बीच विधानसभा में बहुमत के शक्ति परीक्षण के दौरान बहस हो रही है. इस दौरान जेडीएस-कांग्रेस सरकार की तरफ से बोलते हुए मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बीजेपी पर सरकार को अस्थिर करने के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि शक्ति परीक्षण की इतनी जल्दी क्या है? पहले ये तो स्पष्ट होना चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है? उन्होंने कहा कि आखिर मेरा और मेरे मंत्रियों का भी आत्मसम्मान है. मुझे इस संबंध में कुछ बातें साफ करनी हैं. पहले ये बताइए कि सरकार को अस्थिर करने के पीछे कौन जिम्मेदार है? मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि स्पीकर की छवि खराब करने की कोशिश हो रही है. विश्वास मत पर बीजेपी इतनी हड़बड़ी में क्यों है. बीजेपी हमारी सरकार को गिराना चाहती है.
इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने विधानसभा में अपनी कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार के बहुमत को सिद्ध करने के लिए गुरुवार को सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया. सदन के कार्यो की सलाहकार समिति द्वारा सोमवार को लिए गए निर्णय के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार ने मुख्यमंत्री को बहस और परीक्षण के लिए प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया.
कुमारस्वामी ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा, “मैं यह साबित करने के लिए विश्वास मत प्रस्ताव पेश करता हूं कि हमारे सत्तारूढ़ गठबंधन के पास सदन में बहुमत है.” इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद विधायकों को संबोधित किया.
कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत पर बहस के बीच हुए हंगामे के दौरान स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा कि जब कोई सदस्य विधानसभा में उपस्थित ना होने या ना आने का फैसला करता है तो हमारे अटेंडेंट उन्हें हाजिरी रजिस्टर में साइन करने की अनुमति नहीं देते. ऐसे सदस्य विधानसभा की किसी भी पारिश्रमिक को पाने के हकदार भी नहीं होते.