लखनऊ। बरेली से बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी ने अपने पिता और परिवार पर आरोप लगाकर सनसनी मचा दी थी, लेकिन अब एक के बाद एक राज खुलने शुरु हो गये हैं, अब लग रहा है कि ये मामला घर से भागकर प्रेम विवाह करने के साधारण मामले से कहीं ज्यादा बीजेपी विधायक को सबक सिखाने का था, इसका ताना बाना विधायक के ही नजदीकी रहहे पार्टी के दो दिग्गज नेताओं ने बुना था।
गौरव उर्फ अरमान सिंह का नाम
अब इस मामले में जो दूसरा नाम सामने आ रहा है, वो गौरव उर्फ अरमान सिंह का है, जिसे पुलिस ने पिछले साल मोर्हरम के दौरान हुए बवाल में नामजदगी के बाद जेल भेजा था, विधायक राजेश मिश्रा की बेटी 3 जुलाई को उस समय अजितेश के साथ घर छोड़कर चली गई थी, जब विधायक अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिये लखनऊ पीजीआई गये हुए थे, और उनका बेटा विक्की किसी काम से दिल्ली में था।
9 जुलाई को बनाया वीडियो
6 दिन तक तो मामला विधायक के परिवार और उनके नजदीकी रिश्तेदारों तक ही सीमित रहा, लेकिन फिर 9 जुलाई को सनसनी फैल गई, क्योंकि साक्षी मिश्रा ने एक वीडियो बनाया, जिसमें उन्होने अजितेश के साथ भागकर शादी करने की बात कही, इसके साथ ही उन्होने अपने पिता पर आरोप लगाया कि दोनों की हत्या के लिये उनके पिता ने उनके पीछे गुंडे लगाये हैं। इसके बाद साक्षी ने एक और वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होने अपने पिता और भाई को अजितेश या उनके परिवार को कोई भी नुकसान पहुंचने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी।
विधायक के खिलाफ साजिश
वीडियो वायरल होने के बाद मामला टीवी चैनलों ने लपका, जिसके बाद इसकी चर्चा देशभर में होने लगी, विधायक राजेश मिश्रा ने अपने स्तर पर मामले की छानबीन कराई, तो पता चला कि ये सिर्फ साक्षी और अजितेश के प्रेम संबंधों का ही मामला नहीं है, बल्कि सुनियोजित तरीके से उनके ही कुछ लोग अजितेश की मदद कर रहे थे, इसके बाद मामले में पुलिस सक्रिय हो गई।
गौरव से लगातार टच में था अजितेश
पिछले साल मोहर्रम के दौरान हुए बवाल में राजेश मिश्रा के करीबी रहे गौरव उर्फ अरमान सिंह को पुलिस ने उठाया, तो कई राज खुले, पता चला कि साक्षी को उसके घर से भगाने के बाद अजितेश लगातार फोन के जरिये गौरव के संपर्क में था, हालांकि पुलिस पूछताछ में गौरव कह रहा था, कि 6 महीने से उसकी अजितेश से बोलचाल बंद थी, लेकिन 3 जुलाई से 6 जुलाई तक दोनों के बीच फोन पर कई बार बातचीत हुई।