बेंगलुरू। कर्नाटक के सियासी नाटक के बीच बागी तेवर अपनाने वाले 16 विधायकों में से एक रोशन बेग को एसआईटी ने हिरासत में ले लिया है. आईएमए घोटाला केस में उनको उस वक्त पकड़ा गया जब वह फ्लाइट लेने वाले थे. उससे पहले इस केस में एसआईटी ने उनको पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए. उन्होंने उसके बजाय एसआईटी से 25 जुलाई तक का समय मांगा था. उसकी जगह एसआईटी ने उनको 17 जुलाई का समय दिया था लेकिन उससे पहले ही जब वह फ्लाइट लेने जा रहे थे तो उनको कस्टडी में ले लिया गया. अब एसआईटी उनसे पूछताछ करेगी. इस मामले में अभी तक एसआईटी ने कहा है कि उनको हिरासत में लिया गया है.
एसआईटी सूत्रों के मुताबिक पूर्व मंत्री और शिवाजीनगर से विधायक रोशन बेग को उस वक्त पकड़ा गया जब कंपैगौड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से वह प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन से अज्ञात जगह के लिए फ्लाइट लेने वाले थे. उल्लेखनीय है कि आईएमए घोटाले के मुख्य आरोपी ने हाल में यूट्यूब पर एक वीडियो जारी किया था. सूत्रों के मुताबिक इस बात का पता लगाने की कोशिश हो रही है कि क्या उनके बेंगलुरू छोड़ने के अचानक प्लान की वजह कहीं इससे जुड़ी तो नहीं है.
इस मामले में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि आईएमए केस में रोशन बेग को उस वक्त पकड़ा गया जब बीएस येदियुरप्पा के पीए संतोष के साथ चार्टर्ड फ्लाइट लेकर मुंबई जाने वाले थे. मुझे बताया गया कि एसआईटी को देखकर संतोष भाग गए और रोशन बेग को पकड़ा गया. बीजेपी एमएलए योगेश्वर भी उस वक्त वहां मौजूद थे. यह शर्मनाक है कि आईएमए केस में जांच का सामना कर रहे पूर्व मंत्री को भगाने में कर्नाटक बीजेपी मदद कर रही थी. यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि बीजेपी हॉर्स ट्रेडिंग के द्वारा सरकार को अस्थिर करने की साजिश में शामिल है.
इस बीच कर्नाटक संकट को लेकर बागी विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में विधायकों के इस्तीफे के मामले में फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.कोर्ट ने कहा था कि मामले पर मंगलवार को अगली सुनवाई होगी. तब तक न इस्तीफे पर फैसला लिया जाएगा, न विधायकों को सदस्यता के अयोग्य ठहराया जाएगा. विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले 15 में से 10 विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि विधानसभा अध्यक्ष अपने संवैधानिक दायित्व से दूर भाग रहे हैं. वो इस्तीफे पर फैसला नहीं ले रहे. उलटे विधायकों को सदस्यता के अयोग्य करार देने की कार्रवाई शुरू कर दी है. बहुमत खो चुकी सरकार को किसी तरह बचाने की कोशिश की जा रही है.
इससे पहले बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर स्पीकर के फैसले पर सवाल उठाए थे. विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार इस्तीफे को खारिज कर दिया था. इसके खारिज करने की वजह इस्तीफा तय फॉर्मेट में नहीं होना बताया गया था. स्पीकर ने इन विधायकों को अब दोबारा इस्तीफा सौंपने के लिए कहा था. इस्तीफों के खारिज होने के बाद गठबंधन सरकार अल्पमत में आने से बच गई है और उसे थोड़ी राहत मिली थी.
आपको बता दें कि बागी विधायकों के इस्तीफों के बाद सदन में गठबंधन सरकार के विधायक घटकर 103 हो गए हैं. जबकि भाजपा के पास 105 विधायक हैं और दो निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन है जिन्होंने सोमवार को गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया था. सभी बागी विधायकों ने महाराष्ट्र में किसी गुप्त जगह पर डेरा डालकर रखा है. कांग्रेस के कई शीर्ष नेता और इसके संकटमोचक डीके शिवकुमार बागी नेताओं के साथ लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वह अभी तक कामयाब नहीं हो पाए है. कांग्रेस को उम्मीद है कि वह बागी विधायकों से बात कर उन्हें मना लेंगे और वापस पार्टी में शामिल करने में सफल होंगे.