बागपत/लखनऊ। पीटीआई के हवाले से आज कई मीडिया संस्थानों ने ख़बर चलाई कि इमाम इमलाकुर रहमान नामक व्यक्ति को प्रताड़ित किया गया और उसे ‘जय श्री राम’ बोलने को मजबूर किया गया। रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि आरोपितों ने उसकी दाढ़ी खींची और इस मामले में कुल 12 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है। अब पता चला है कि यह भी एक फेक ‘हेट क्राइम’ था क्योंकि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। बागपत के एसपी ने ऐसी किसी भी रिपोर्ट को ग़लत ठहराया है और साफ़-साफ़ कहा है कि इमलाकुर रहमान को किसी ने भी ‘जय श्री राम’ बोलने को बाध्य नहीं किया।
एसपी शैलेश कुमार पांडेय ने ऑपइंडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इमलाकुर रहमान को जबरन ‘जय श्री राम’ बोलने को मजबूर नहीं किया गया, उसकी दाढ़ी नहीं खींची गई और उसके साथ हुए दुर्व्यवहार में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। यह कुछ लोगों और इमाम के बीच हुआ एक वाद-विवाद था, इसमें मज़हब के आधार पर ‘हेट क्राइम’ जैसा कुछ भी नहीं था।
इमाम और सभी आरोपित मुज़फ्फरनगर के हैं। एसपी पांडेय ने बताया कि इस झगड़े के बाद इमाम अपने सहयोगियों के साथ मुजफ्फरनगर थाना पहुँचे और शिकायत दर्ज कराई। उस दौरान इमाम ने जबरन ‘जय श्री राम’ बुलवाने या फिर दाढ़ी खींचे जाने का कोई जिक्र नहीं किया। इमाम को बताया गया कि जहाँ घटना हुई, वह क्षेत्र बागपत पुलिस के अंतर्गत आता है। जब वह बागपत थाना पहुँचा, तब उसने अपनी शिकायत में ‘जय श्री राम’ वाली बात जोड़ी।
— Baghpat Police (@baghpatpolice) July 14, 2019
जब बागपत एसपी से यह पूछा गया कि आखिर इमाम ने बाद में अपनी शिकायत में ‘जय श्री राम’ वाली बात क्यों जोड़ी, तो उन्होंने कहा कि अपने सहयोगियों के प्रभाव में आने के बाद उसने ऐसा किया। एसपी ने अंदेशा जताया कि उसके मित्रों ने उसे सलाह दी होगी कि जबरन ‘जय श्री राम’ बुलवाने वाली बात शिकायत में जोड़ देने के बाद मीडिया इस घटना को ज्यादा महत्त्व देगा और इसे फैलाया जाएगा। इसे सांप्रदायिक एंगल देने से ज्यादा गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी, ऐसा उसका सोचना था।
एसपी ने ऑपइंडिया को बताया कि अभी शहर में माहौल पूरी तरह शांत है और पुलिस इस झगड़े की जड़ तक पहुँचने की कोशिश कर रही है। एसपी ने बताया कि अभी तक किसी व्यक्ति के ख़िलाफ़ मामला दर्ज नहीं किया गया है। उसका बयान उन मीडिया रिपोर्ट्स के उलट था, जिसमें 12 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज होने की बात कही जा रही थी।