लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 81 अक्षम पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायरमेंट दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, इनमें से 47 वाराणसी जोन, 29 कानपुर रेंज और पाँच बुलंदशहर से शामिल हैं।
आईजी (कानपुर रेंज) मोहित अग्रवाल ने बताया कि कानपुर शहर और कानपुर देहात क्षेत्र के 7 पुलिसकर्मियों को सेवानिवृत्ति दी गई है। इनमे से चार इटावा, कन्नौज, औरैया और तीन फतेहगढ़ से हैं।
उन्होंने बताया, “यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। विभाग की छवि को धूमिल करने वाले पुलिसकर्मियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी जाएगी। 50 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पुलिसकर्मी ही नहीं, बल्कि इस आयु सीमा से नीचे के अक्षम लोगों को भी अलग-अलग प्रावधानों के तहत हटाया जाएगा।”
दरअसल, अक्षम पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर करने के शासन के आदेश के बाद आईजी मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी। इसमें मोहित अग्रवाल के अलावा एसएसपी (कानपुर) अनंत देव और एसपी (कन्नौज) अमरेन्द्र प्रसाद सिंह शामिल थे। इस कमेटी ने शासन को दागी पुलिसकर्मियों की लिस्ट भेजी थी। इसमें ड्यूटी से गैर-हाज़िर रहने वाले, भ्रष्टाचारी, घूसखोर, काम न करने वाले पुलिसकर्मी शामिल थे।
कानपुर में, एलआईयू के हेड कॉन्स्टेबल उदय प्रताप, कॉन्स्टेबल उदयवीर सिंह, केशव सिंह भदौरिया, समरपाल बनमाली, जगदीश सिंह, संतराम यादव को समिति की सिफ़ारिश पर सेवानिवृत्त किया गया है।
बुलंदशहर में गुरुवार को दो सब-इंस्पेक्टर सहित पाँच पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायरमेंट दे दिया गया।
एसपी (शहर) अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सभी पाँच कर्मियों की उम्र 50 वर्ष और उससे अधिक थी, वे भ्रष्ट थे। साथ ही प्रभावी ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन भी नहीं कर रहे थे।
आईजी (मेरठ रेंज) आलोक सिंह ने सब-इंस्पेक्टर विजय कुमार गौतम और भगवान सिंह के जबरन सेवानिवृत्ति पर, जबकि एसएसपी बुलंदशहर ने हेड कॉन्स्टेबल विनोद कुमार शर्मा, अजोत सिंह और जसवीर सिंह की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किए।