टीम इंडिया को न्यूजीलैंड ने आईसीसी विश्व कप 2019 (World Cup 2019)से बाहर कर दिया. एक रोमांचक मुकाबले में टीम इंडिया न्यूजीलैंड के दिए 240 रन के टारगेट को हासिल न कर सकी और 221 रन पर ही आउट होकर 18 रन से हार गई. यह टीम इंडिया और न्यूजीलैंड (India vs New Zealand) पहली बार सेमीफाइनल में एक दूसरे से मुकाबला कर रहे थे. आज से 11 साल पहले टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और न्यूजीलैंड की टीम के कप्तान केन विलियम्सन एक साथ एक विश्व कप सेमीफाइनल में खेले थे. इस बार विराट और विलियम्सन का यह दूसरा विश्व कप सेमी फाइनल मैच है.
विलियम्सन ने किया हिसाब चुकता
दोनों ही खिलाड़ी 11 साल पहले अंडर 19 विश्व कप के सेमीफाइनल में एक दूसरे के खिलाफ खेले थे. इस समय विराट उस समय वे 19 साल के थे. वहीं केन विलियम्सन तब 17 साल के थे. दोनों टीमों के बीच यह मैच 27 फरवरी 2008 को मलेशिया के क्वालालांपुर शहर में हुआ था. इसम मैच में टीम इंडिया की जीत हुई थी. लेकिन 11 साल बाद केन विलियम्सन ने विराट कोहली से बदला ले लिया और टीम इंडिया को हरा दिया.
क्या हुआ था उस मैच में
उस मैच में विलियम्सन ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया था और कोरी एंडरसन के 70 रन और विलियम्सन की 37 रन की पारियों की मदद न्यूजीलैंड ने 50 ओवरों में 205 रन बनाए थे. इसके जवाब में टीम इंडिया के लिए विकेटकीपर गोस्वामी ने 50 रन और विकार कोहली ने 43 रन की पारी खेली थी. इसके अलावा विराट ने 7 ओवर गेंदबाजी कर दो विकेट भी लिए थे. विराट को उनके प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला.
इस बार केन विलियम्सन ने कप्तानी पारी खेल 67 रन की पारी खेली और वे भी दूसरे नंबर के बल्लेबाज रहे. उनसे ज्यादा रॉस टेलर ने 74 रन की पारी खेली. इस बार विराट कोहली का बल्ला नहीं चला और वे केवल एक रन बनाकर आउट हो गए. वहीं विराट कोहली ने पिछली बार की तरह इस बार बॉलिंग नहीं की. यह मैच इस बात के लिए जाना जाएगा कि यह दो दिन खेला गया. इस मैच में टीम इंडिया के बॉलर्स ने भी शानदार बॉलिंग की और न्यूजीलैंड को खुल कर खेलने नहीं दिया. लेकिन फिर भी न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने 239 रन टीम इंडिया के लिए काफी ज्यादा रन कर दिया.
कप्तानी से छाए विलियम्सन
इस मैच में केन विलियम्सन की कप्तानी की खूब तारीफ हो रही है. विलियम्सन जानते थे कि मैच आखिरी तक जाएगा. इसी लिए वे शुरुआती सफलताओं से संतुष्ट नहीं हुए और अपने गेंदबाजों से दबाव बनाए रखने को कहा. इसके अलावा उन्होंने गेंदबाजों को सही इस्तेमाल किया और धोनी को जेम्स नीशम का ओवर खेलने नहीं दिया. बढ़ते दबाव के कारण धोनी दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से आउट हो गए और मैच टीम इंडिया से छीन लिया.