नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सबसे कम सीट जीतने के बावजूद जनता दल सेकुलर को सत्ता मिली और कांग्रेस के समर्थन से एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बन गए. लेकिन मई 2018 में सत्ता की कमान मिलने से अब तक उनका सफर बेहद चुनौतियों भरा रहा है और अब हालात ये आ पहुंचे हैं कि उनकी सरकार गिरने की कगार पर खड़ी है. कांग्रेस के 10 और जेडीएस के 3 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, जबकि एक निर्दलीय ने सरकार से समर्थन वापस लेते हुए बीजेपी के समर्थन का ऐलान कर दिया है. इस पूरे सियासी घटनाक्रम के बाद विधानसभा के समीकरण ऐसे हो गए हैं कि भारतीय जनता पार्टी बहुमत की स्थिति में नजर आ रही है.
कर्नाटक विधानसभा में कुल 225 सदस्य होते हैं और इनमें एक मनोनीत होता है. मई 2018 में 222 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए थे, जबकि बाकी 2 सीटों पर बाद में चुनाव हुए थे. इस तरह बीजेपी के विधायकों की कुल संख्या 105 हो गई, जबकि कांग्रेस 80 पर आ गई और जेडीएस की संख्या 37 थी. एक-एक विधायक निर्दलीय और बीएसपी के थे, जिन्होंने गठबंधन सरकार को समर्थन दिया था. अब इस एक निर्दलीय विधायक नागेश ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. जबकि बीएसपी विधायक का समर्थन जारी है.
इस्तीफों के बाद बने ये समीकरण
अब तक कांग्रेस के 10 और जेडीएस के 3 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इन 13 विधायकों के इस्तीफों के बाद विधानसभा की संख्या 224 से घटकर 211 रह जाएगी. इनमें एक सीट स्पीकर की है. यानी अगर इन सभी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होते हैं तो बहुमत का हिसाब 210 सीटों पर लगाया जाएगा और किसी भी पार्टी को सरकार में रहने के लिए 106 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.
इस्तीफे स्वीकार होने की स्थिति में मौजूदा समीकरण देखे जाएं तो कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के पास 105 विधायक हैं. जबकि बीजेपी के पास पहले से ही 105 विधायक हैं. अब कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय विधायक नागेश ने भी बीजेपी को समर्थन का ऐलान कर दिया है. इस तरह बीजेपी की संख्या 106 हो जाएगी और अगर कांग्रेस-जेडीएस विधायकों के इस्तीफे स्वीकार हुए तो बीजेपी सरकार बनाने की स्थिति में आ जाएगी.