बेंगलुरू। कर्नाटक में 13 महीने पुरानी कांग्रेस-जनता दल(एस) की गठबंधन सरकार को बचाने की कोशिश जारी है. पार्टी के एक पदाधिकारी ने रविवार को बताया कि इस्तीफा दे चुके दर्जनभर कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडी-एस) विधायकों को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने की कवायद जारी है. कांग्रेस सरकार बचाने में लगी हुई है.
इधर, जब जेडीएस के एक वरिष्ठ विधायक जीटी देवेगौड़ा से पूछा गया कि क्या कर्नाटक में सिद्धारमैया नए सीएम होंगे, तो उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा, ‘यदि कॉर्डिनेशन कमेटी ये तय कर चुकी है तो हमें कोई समस्या नहीं है. कांग्रेस सरकार बचाने की कवायद में जुटी हुई है. उन्होंने कुछ मंत्रियों से कहा है कि वह कैबिनेट से इस्तीफा दें जिससे दूसरे सदस्यों को जगह मिल सके.’
हालांकि ये सब इतना आसान नहीं होगा. अगर एचडी कुमारस्वामी पद से हटे तो जेडीएस में विद्रोह भड़क सकता है. खुद कुमारस्वामी इस बात के लिए मानेंगे या नहीं, अभी इस बात पर सस्पेंस है. हालांकि जेडीएस विधायक के इस बयान ने कर्नाटक की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है.
कांग्रेस-जेडी-एस के एक प्रवक्ता ने बताया, “दोनों दलों के वरिष्ठ नेता बागियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए बातचीत में जुटे हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं वे अपना इस्तीफा वापस लें. हालांकि, लेकिन वे उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उनमें से 10 शनिवार की शाम को ही मुंबई जा चुके हैं.”
कांग्रेस दफ्तर में पार्टी के प्रदेश प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता सिद्धरमैया, उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर, पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खांद्रे और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से बागियों की मांगों को लेकर बातचीत की है.
उधर, जेडीएस सुप्रीमो एच. डी. देवगौड़ा ने पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष के.के. कुमारस्वामी और पीडब्ल्यूडी मंत्री एच. डी. रेवन्ना से अपने आवास पर बातचीत की और उनसे अपनी पार्टी के बागी विधायक गोपालैया और नारायण गौड़ा को अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने को कहा.