कर्नाटक। कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस की गठबंधन सरकार मुश्किल में घिरती नजर आ रही है। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के 11 विधायक इस्तीफा देने विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय पहुचे हैं । इन विधायकों में 8 कांग्रेस और 3 जेडीएस के बताए जा रहे हैं । इस्तीफा देने पहुंचे विधायकों में रामलिंगा रेड्डी, सौम्या रेड्डी, बीसी पाटिल के नाम सामने आ रहा है। कुछ समय पहले आई इस खबर के मुताबिक जब विधायक कार्यालय पहुंचे तो विधानसभा अध्यक्ष वहां मौजूद नहीं थे ।
सरकार पर संकट
खबर अगर सच होती है तो मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की सरकार संकट में आ गई है। चर्चा तोये भी है कि कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं । इस घटनाक्रम से कर्नाटक में कांग्रेस को करारा झटका लगा है। बताया जा रहा है ऐसे संकट को देखते हुए कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले डीके शिवकुमार अपने विधानसभा क्षेत्र कनकपुरा से वापस बेंगलुरु आ गए हैं । कांग्रेस पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव विदेश में हैं।
ब्लैकमेल की राजनीति नहीं चलेगी : विधानसभा अध्यक्ष
वहीं विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने मामले में कहा ह कि इस्तीफा देने की एक प्रक्रिया होती है । उन्होने कहा कि मुझसे मिलने के लिए समय लेना होगा। मैं किसी बाजार में नहीं बैठा हूं और इस्तीफा देने की अफवाह उड़ाकर ब्लैकमेल की रणनीति काम नहीं करेगी। यहां आपको बता दें कि खबरों में 13 विधायकों के इस्तीफे की धमकी सरकार को मिली है । इन विधायकों ने ऐसे समय पर इस्तीफा दिया है जब मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अमेरिका गए हुए हैं।
कर्नाटक में बहुमत का गणित
दरअसल कर्नाटक विधानसभा में बहुमत के लिए 113 विधायकों का समर्थन होना जरूरी है। 224 सदस्यों वाली इस विधानसभा में कांग्रेस-जेडीएस के कुल 116 और बीजेपी के 104 सदस्य हैं । फिलहाल गठबंधन सरकार को बीएसपी के एक विधायक का समर्थन भी हासिल है । जबकि निर्दलीय विधायक आर शंकर और एच नागेश के समर्थन वापस लेने के बाद फिल्हाल गठबंधन के पास बहुमत से महज 4 ज्यादा यानी 117 विधायकों का समर्थन है। ऐसे में अगर ये सदस्य इस्तीफा देते हैं तो सरकार पर संकट तय हैं । जानकारों की मानें तो बीजेपी विधानसभा की कुल संख्या को ही 207 तक ले जाना चाहती है जिससे उसके 104 विधायक बहुमत में आ जाएं ।