विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) एक बार फिर आलोचकों के निशाने पर हैं. इस बार वह रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई पारी के कारण निशाने पर आए हैं. आलोचकों का कहना है कि उनकी पारी में लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी तेवर का अभाव था. वर्ल्ड कप (World Cup 2019) मुकाबले में इंग्लैंड ने एजबेस्टन में खेले गए इस मैच में भारत को 337 रनों का लक्ष्य दिया था. जवाब में उतरी टीम इंडिया 50 ओवरों में पांच विकेट गंवाकर महज 306 रन बना पाई. भारतीय टीम 31 रनों से यह मैच हार गई थी. धोनी इस मैच में 31 गेंदों पर 42 रन बनाकर नाबाद रहे, लेकिन इस मैच में धोनी की रणनीति पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
हालांकि, धोनी की पारी के दौरान उनके दर्द पर किसी का ध्यान नहीं गया. दरअसल एमएस धोनी के हाथ के अंगूठे पर पहले विकेटकीपिंग के दौरान चोट लगी और फिर दूसरी बार बल्लेबाजी करते वक्त उनका अंगूठा चोटिल हुआ. इसके बाद धोनी के अंगूठा चूसने और खून थूकने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आईं तो फैंस ने टीम के प्रति उनके समर्पण और कमिटमेंट के लिए पूर्व भारतीय कप्तान की तारीफ की. आप भी देखें ट्वीट…
हार्दिक पांड्या के 45वें ओवर में आउट होने के बाद भारत को आखिरी के पांच ओवरों में 71 रनों की जरूरत थी. ऐसे में सभी की निगाहें धोनी पर थीं क्योंकि वह लक्ष्य का पीछा करने में माहिर माने जाते रहे हैं. लेकिन, 37 साल के धोनी और केदार जाधव (नाबाद 12) अंत में संघर्ष करते रहे और सिर्फ 39 रन ही बना सके. धोनी की बल्लेबाजी नीति को लेकर कई पूर्व क्रिकेटरों ने उनको एक बार फिर आड़े हाथों लिया है.
इस मैच में कॉमेंट्री कर रहे भारत के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने कहा, “मेरे पास इसके लिए कोई सफाई नहीं है. आप मुझसे सवाल पूछेंगे लेकिन मैं नहीं बता सकता कि यह एक-एक रन क्यों ले रहे हैं. लेंथ और बाउंस ने भी भारतीय बल्लेबाजों को छकाया है. आप 338 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहे हैं लेकिन आपके अंत में पांच विकेट बचते हैं, यह सही नहीं है.”
गांगुली ने कहा, “यह मानसिकता और आप मैच को किस तरह से देखते हैं, उसकी बात है. संदेश साफ होना चाहिए. गेंद कहां आ रही है या कहां से आ रही है, यह बात मायने नहीं रखती. आपको इस समय सिर्फ चौके-छक्के चाहिए.”
टीम के कप्तान विराट कोहली ने हालांकि मैच के बाद धोनी का बचाव किया था. कोहली ने कहा था, “मुझे लगता है कि धोनी काफी कोशिश कर रहे थे, लेकिन बाउंड्री नहीं लगा पा रहे थे. इंग्लैंड के गेंदबाज भी अच्छी जगह गेंदबाजी कर रहे थे और गेंद भी रुक कर आ रही थी, इसलिए अंत में बल्लेबाजी करना मुश्किल हो रहा था.”