क्या इस विश्वकप में धोनी उतने पावरफुल बल्लेबाज साबित हुए हैं, जितना इस टूर्नामेंट के शुरु होने से पहले उन्हें बताया जाता था, या फिर जितनी उन्हें हाइप दी जाती थी, धोनी की पारियों को देख हर क्रिकेट प्रशंसक यही कहेगा कि धोनी ने अपनी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है। हालांकि धोनी को सबसे ज्यादा समर्थन जिस शख्स से मिल रहा है, वो हैं टीम के कप्तान विराट कोहली, विराट आज भी उन्हें अपना कप्तान मानते हैं, इसी वजह से उनकी सलाह को तरजीह देते हैं, लेकिन सवाल ये है कि क्या धोनी का लीजेंड होना या क्रिकेट का बढिया थिंकर होना टीम में उनकी जगह तय कर देता है, धोनी के सफेद बाल और दाढी इस बात के संकेत नहीं दे रहे, कि अब वो थक चुके हैं, क्या विश्वकप के बाद वो क्रिकेट से रिटायरमेंट लेंगे। आइये आपको आंकड़े बताते हैं कि जो खुद धोनी को इस पर सोचने को विवश करेगा।
लीजेंड हैं धोनी
महेन्द्र सिंह धोनी शानदार क्रिकेटर रहे, ये सत्य है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर सबका एक दिन अंत होता है, धोनी अपने बायोपिक के एक सीन में चयनकर्ताओं से कहते सुने जाते हैं, कि टीम के महान खिलाड़ियों को जगह खाली करनी चाहिये, तब धोनी को चुस्त-दुरुस्त और युवा टीम चाहिये थी, लेकिन अब यही डायलॉग माही पर भी लागू हो रहा है, वो ना तो बल्लेबाजी में चुस्त दिख रहे हैं और ना विकेट के पीछे दुरुस्त, सवाल ये है कि क्या करीब 38 साल के धोनी विश्वकप के बाद रिटायरमेंट का ऐलान कर देना चाहिये।
फॉर्म को लगा ग्रहण
पिछले करीब दो साल (2017 ) से धोनी बल्लेबाजी में कुछ ज्यादा ही संघर्ष करते दिख रहे हैं, वो दुनिया के सबसे बेहतरीन फिनिशर माने जाते थे, लेकिन पिछले दो साल में ना सिर्फ उनका स्ट्राइक रेट नीचे आया है, बल्कि वो बड़ी पारियों के लिये तरस रहे हैं, बांग्लादेश के खिलाफ माही की धीमी पारी पर एक ट्विटर यूजर ने लिखा अंत नजदीक नहीं बल्कि अंत यही है, पीटीआई की रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि धोनी विश्वकप के बाद रिटायरमेंट का ऐलान कर सकते हैं।
धीमी पारी पर आलोचना
आपको बता दें कि धोनी धीमी बल्लेबाजी की वजह से आलोचकों के निशाने पर हैं, उनकी रणनीति और बाकी चीजों पर कोई सवाल नहीं उठा सकता, लेकिन टीम में जगह पाने के लिये बल्ले से रन बनाने पड़ते हैं, विकेट के पीछे मुस्तैदी दिखानी पड़ती है, लेकिन अब इन दोनों जगहों पर माही ढीले पड़ते दिख रहे हैं, जिसके बाद कहा जाने लगा है कि धोनी को खुद ही अच्छी विदाई ले लेनी चाहिये, ताकि सम्मान के साथ उनकी विदाई हो जाए।