पुराने लोगों को अक्सर आपने कहते सुना होगा, कि वक्त खुद को दोहराता है, भला इस कहावत को टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी से बेहतर कौन समझ सकता है, जी हां, धोनी ने करीब सात साल पहले टीम इंडिया के दिग्गज खिलाड़ियों के मैदान पर धीमेपन को लेकर निशाना साधा था, वही धोनी अब मौजूदा विश्वकप में धीमी बल्लेबाजी और औसत विकेटकीपिंग को लेकर आलोचकों के निशाने पर हैं, सवाल यही है कि दिग्गज खिलाड़ियों को कटघरे में खड़े करने वाले माही अपने धीमेपन पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं।
संघर्ष करते दिख रहे
जिस धोनी की बल्लेबाजी से दुनिया के गेंदबाज खौफ खाते थे, इस विश्वकप में उसी धोनी को एक-एक रन के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है, अपनी मर्जी से बाउंड्री मारने वाले माही अब आलोचकों के निशाने पर हैं, उनकी बल्लेबाजी को लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही है। वो जैसे ही बल्लेबाजी के लिये आते हैं, तो विरोधी कप्तान तुरंत स्पिन अटैक को उनके खिलाफ लगा देते हैं, जिसके खिलाफ वो सहज नहीं लग रहे ।
धीमेपन पर उठाया था सवाल
मालूम हो कि 2012 में ऑस्ट्रेलिया में ट्राएंगुलर सीरीज के दौरान धोनी ने तेंदुलकर, सहवाग और गौतम गंभीर जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की फिटनेस पर सवाल खड़े किये थे, तब उन्होने कहा था कि ये तीनों धीमे हो गये हैं, इसलिये अब इन्हें रोटेट कर टीम में जगह मिलेगी, अब खुद धोनी विश्वकप में धीमी बल्लेबाजी करते दिख रहे हैं।
क्या कहा था धोनी ने
2012 के उस ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर बिस्ब्रेन में टीम इंडिया को 110 रनों से करारी हार मिली थी, जिसके बाद तत्कालीन कप्तान धोनी ने कहा था कि सचिन, वीरु और गौती को एक साथ नहीं खिलाया जा सकता, क्योंकि इससे हमारी फिल्डिंग पर असर पड़ता है, ये सिर्फ तीन खिलाड़ियों के बारे में नहीं है, बल्कि कुछ और भी खिलाड़ी हैं, जो थोड़े धीमे हैं, धोनी ने कहा था कि ये खिलाड़ी खराब नहीं हैं, लेकिन यहां के बड़े मैदानों के हिसाब से थोड़े धीमे हैं, बल्लेबाजी और गेंदबाजी में कभी आप चलते हैं कभी नहीं, लेकिन फिल्डिंग ऐसा क्षेत्र है जहां आप हमेशा रन बचा सकते हैं।
आलोचकों के निशाने पर माही
धोनी ने इस विश्वकप में सात पारियों में 223 रन बनाये हैं, जिसमें इंग्लैंड के खिलाफ 31 गेंदों में नाबाद 42 रन की पारी भी शामिल है, बांग्लादेश के खिलाफ धोनी ने 33 गेंदों में 35 रन बनाये, जिसमें 4 चौके शामिल थे, एक्सपर्ट्स के मुताबिक धोनी बतौर फिनिशर अपना काम ठीक से नहीं निभा पा रहे हैं, बांग्लादेश के खिलाफ बड़े शॉट्स खेलने के चक्कर में वो सिंगल्स भी नहीं ले पा रहे थे, बाद में आउट हो गये,
वर्ल्डकप में धोनी
दक्षिण अफ्रीका – 46 गेंद में 34 रन
ऑस्ट्रेलिया – 34 गेंद में 27 रन
पाकिस्तान – 2 गेंद में 1 रन
अफगानिस्तान – 52 गेंद में 28 रन
वेस्टइंडीज – 61 गेंद में 56 रन
इंग्लैंड – 31 गेंद में 42 रन
बांग्लादेश – 33 गेंद में 35 रन