नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में निगमकर्मी की पिटाई मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्ती दिखाई है. भारतीय जनता पार्टी के बैटमार विधायक आकाश विजयवर्गीय का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा है कि वह चाहे किसी का भी बेटा क्यों न हो, उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए.
दिल्ली में बीजेपी संसदीय दल की बैठक में भारतीय जनता पार्टी के बल्लामार विधायक आकाश विजयवर्गीय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्ती दिखाई है. बिना नाम लिए पीएम मोदी ने कहा, ‘किसी का भी बेटा हो, उसकी ये हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जिन लोगों ने स्वागत किया है, उन्हें पार्टी में रहना का हक नहीं है. सभी को पार्टी से निकाल देना चाहिए.’
इस मामले पर बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा, ‘कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय की घटना के मामले में प्रधानमंत्री नाराज हैं. उन्होंने कहा है कि ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है, चाहे वह किसी का बेटा हो, सांसद हो. अहंकार नहीं होना चाहिए. ठीक से व्यवहार करना चाहिए और ऐसे लोग पार्टी में नहीं होने चाहिए. हालांकि प्रधानमंत्री ने कैलाश विजयवर्गीय और उनके बेटे का नाम नहीं लिया.’
बता दें कि बीजेपी संसदीय दल की इस बैठक में कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल थे. आकाश भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं. इस मामले पर कैलाश विजयवर्गीय ने अपने विधायक बेटे आकाश को कच्चा खिलाड़ी बताया. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा ‘ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे लगता है आकाश और नगर निगम के कमिश्नर दोनों पक्ष कच्चे खिलाड़ी हैं. यह एक बड़ा मुद्दा नहीं था, लेकिन इसे बहुत बड़ा बना दिया गया.’
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था ‘मुझे लगता है कि अधिकारियों को अहंकारी नहीं होना चाहिए. उन्हें जनप्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए. मैंने इसकी कमी देखी है. दोनों को समझना चाहिए, ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो.’
क्या था मामला
इंदौर में नगर निगम का दल गंजी कंपाउंड क्षेत्र में एक जर्जर मकान को गिराने पहुंचा था. इसकी सूचना मिलने पर विधायक आकाश विजयवर्गीय मौके पर पहुंचे, जहां उनकी नगर निगम के कर्मचारियों से बहस हो गई. तभी आकाश विजयवर्गीय क्रिकेट का बल्ला लेकर नगर निगम के अधिकारियों से भिड़ गए. विजयवर्गीय ने बल्ले से अफसरों की पिटाई भी की. इसके मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और जेल भी जाना पड़ा. हालांकि रविवार को आकाश जमानत पर रिहा हुए हैं.