आईसीसी विश्वकप में भारत और बांग्लादेश के बीच आज एक अहम मुकाबला होने जा रहा है. बांग्लादेश के लिए यह ‘करो या मरो’ का मुकाबला है. अगर बांग्लादेश यह मैच हार जाता है तो सेमीफाइनल की रेस से बाहर हो जाएगा. अगर मैच जीता है तो वह टूर्नामेंट में बना रहेगा लेकिन इससे भारत के लिए श्रीलंका से होने वाला अंतिम मुकाबला ‘करो या मरो’ का हो जाएगा. मुकाबले से पहले बांग्लादेश के कप्तान मशरफे मुर्तजा ने अपने फैंस से खास अपील की है.
मैच से पहले, बांग्लादेश के समर्थकों ने ऊंचे दामों पर मैच के टिकट खरीदे हैं. बांग्लादेश के फैंस समूह में रहना चाहते हैं ताकि वे भारतीय समर्थकों का जवाब दे सकें. बांग्लादेश के कप्तान ने इन्हीं सब बातों का अंदाजा लगाते हुए अपने फैंस से शांति बरतने की अपील की है.
मुर्तजा ने अपने देश के एक न्यूज़ पोर्टल BDnews24.com को दिए एक संक्षित्प इंटरव्यू में कहा, “मैच में रोमांच तो रहेगा ही लेकिन यदि फैंस तय सीमा लांघते हैं या किसी को व्यक्तिगत रूप से टार्गेट किया जाता है तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा.”
उन्होंने आगे कहा, “सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और गाली-गलौज की अनदेखी करना खिलाड़ियों के भी मुश्किल होता है. क्रिकेटर भी इंसान हैं. इससे दो देशों के संबंधों पर भी असर पड़ता है. दोनों टीमें मैच जीतना चाहती हैं. हमारे समर्थकों को निश्चित रूप से दिल खोलकर हमारा समर्थन करना चाहिए लेकिन इसका स्तर निचला नहीं होना चाहिए. हमें ध्यान रखना चाहिए कि हमें ऐसा कुछ नहीं करना है जिससे हमारे देश लज्जित हो.”
यच सच है कि बांग्लादेश के खिलाड़ी सबसे ज्यादा भारत से सीखते हैं. भारत को वह मजबूत टीम मानते हैं लेकिन सोशल मीडिया के युग में पूर्व में दोनों देश के फैंस ने क्या किया, उसकी अनदेखी नहीं की जा सकती. सन 2000 में, आईसीसी के तत्कालीन अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने बांग्लादेश को पूर्णकालिक सदस्य देश का दर्जा दिलाया था. तब से भारत हमेशा बांग्लादेश को अपने यहां दौरे पर बुलाता रहा है. चार वर्ष पहले, बांग्लादेश का मेनस्ट्रीम मीडिया भी इस विवाद में कूद गया जब एक प्रमुख बांग्लादेशी अखबार ने भारतीय क्रिकेटरों का मजाक उड़ाया था. 2004, 2007 के विश्वकप, 2012 के एशिया कप और 2015 की वनडे सीरीज में यह कटुता और बढ़ी.