श्रीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर बुधवार (26 जून) को जम्मू-कश्मीर पहुंचे. आज (गुरुवार) को उनके दौरे का दूसरा दिना है. केंद्रीय गृहमंत्री का कार्यभार ग्रहण करने के बाद पहली बार इस सीमांत राज्य में कदम रखा है. बुधवार को को उन्होंने आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा इंतजाम को लेकर किसी भी तरह के संतुष्टि के भाव के खिलाफ अधिकारियों को चेताया और तीर्थयात्रियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसपीओ) को कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिए हैं. जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर के अनंतनाग में एसएचओ, अरशद खान के घर का दौरा कर सकते हैं, जिन्होंने 12 जून को अनंतनाग में आतंकी हमले में अपनी जान गंवाई थी.
सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री शाह गुरुवार को पार्टी नेताओं, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों, मुख्यधारा की पार्टियों के नेताओं, पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों और पंचायत सदस्यों से मुलाकात करेंगे. आपको बता दें कि अमित शाह का घाटी दौरा पहले 30 जून को तय था, लेकिन केंद्रीय बजट संबंधी कार्यों में व्यस्तता के कारण कार्यक्रम में बदलाव किया गया.
बुधवार को शाह की अगुवाई में हुई समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए आतंरिक सुरक्षा के विशेष सचिव एपी माहेश्वरी ने कहा कि मंत्री ने निर्देश दिया कि पूरी यात्रा के दौरान सुरक्षा बलों या ड्यूटी स्टाफ द्वारा कभी भी संतुष्टि का भाव नहीं आना चाहिए. उन्होंने बताया, कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए. एसपीओ का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए. वरिष्ठ अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर इंतजामों की निगरानी करनी चाहिए.
माहेश्वरी ने कहा कि उन्होंने (शाह ने) हिंसा मुक्त यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को पूरी तरह से सतर्क रहने और सभी एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि मंत्री ने काफिलों की आवाजाही के लिए मानक संचालन प्रक्रिया की अहमियत पर बल दिया और खासकर काफिलों को वक्त पर रवाना करने पर जोर दिया.
इसके अलावा, एक भिन्न बैठक में शाह ने जम्मू कश्मीर में विकास के परिदृश्य की भी समीक्षा की और राज्य के विकास में तेजी लाने, बुनियादी ढांचे के निर्माण, सुशासन, सभी समुदायों के लिए समावेशी विकास और युवाओं के लिए रोजगार सृजन योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने को कहा.
बैठक के बाद गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव ज्ञानेश कुमार ने पत्रकारों बताया कि शाह ने राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जम्मू-कश्मीर में गरीब से गरीब व्यक्ति को सभी क्षेत्रों में सुशासन का लाभ मिले. शाह ने बैठक में कहा कि नव स्थापित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को मजबूत किया जाना चाहिए. उच्च पदों बैठे और शक्तिशाली लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए भ्रष्टाचार के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर पर लिया जाना चाहिए. शाह ने कहा कि किसी भी समुदाय को ऐसा नहीं लगना चाहिए कि उसे उपेक्षित किया जा रहा है.