दिनेश कार्तिक टीम इंडिया का वो खिलाड़ी जिसे जितनी बार खारिज किया गया, उसने उतनी ही बार सबको गलत साबित किया, 16 साल के करियर में वो 16 बार से ज्यादा टीम से अंदर बाहर हुए, अब आईसीसी विश्वकप के लिये टीम इंडिया में शामिल हैं, लेकिन लगता है कि किस्मत एक बार फिर इस प्रतिभाशाली क्रिकेटर को दगा देने वाली है, अब तक कार्तिक को खेलने का मौका नहीं मिला है। और फिलहाल मौका मिलता भी नहीं दिख रहा है।
2007 विश्वकप में भी शामिल
आपको बता दें कि दिनेश कार्तिक इससे पहले 2007 विश्वकप टीम में भी शामिल थे, लेकिन वो विश्वकप टीम के लिये बेहद खराब रहा था, टीम इंडिया बांग्लादेश से मैच हार गई थी और पहले ही दौर से बाहर हो गई थी, दिनेश कार्तिक बिना खेले ही देश लौटे थे, इस बार टीम अच्छा खेल रही है, लेकिन दिनेश कार्तिक को शायद ही प्लेइंग इलेवन में मौका मिले, अगर ऐसा हुआ, तो कार्तिक एक बड़ा रिकॉर्ड बनाएंगे। वो टीम इंडिया के ऐसे पहले खिलाड़ी हैं, जो दो विश्वकप में टीम का हिस्सा रहे, लेकिन मौका एक बार भी नहीं मिला।
विनिंग कॉम्बिनेशन से छेड़खानी मुश्किल
अगर मौजूदा विश्वकप में विराट सेना की बात करें, तो अभी तक टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है, हालांकि अफगानिस्तान के खिलाफ राहुल और रोहित शर्मा का बल्ला नहीं चला। लेकिन ये ट्रेंड रहा है, कि विनिंग कॉम्बिनेशन के साथ टीम मुश्किल से ही बदलाव करती है। हालांकि इस टूर्नामेंट में विराट कोहली को दो फोर्स्ड चेंज करने पड़े हैं, धवन की जगह विजय शंकर और भुवी की जगह मोहम्मद शमी को मौका दिया गया है।रिजर्व विकेटकीपर
आपको बता दें कि दिनेश कार्तिक का चयन टीम में बतौर रिजर्व विकेटकीपर हुआ है, यानी उन्हें तभी मौका दिया जा सकता है, जब धोनी प्लेइंग इलेवन में ना हो, ऐसे में फिलहाल दिनेश कार्तिक के लिये प्लेइंग इलेवन का रास्ता मुश्किल ही दिख रहा है, वो बेंच पर बैठकर मैच ही देखते नजर आएंगे।
पंत की वजह से रास्ता मुश्किल
पहले ये माना जा रहा था कि कार्तिक को नंबर चार पर मौका दिया जा सकता है, लेकिन ऋषभ के चयन के बाद इस बात की भी संभावना कम हो गई है। अब देखना है कि दिनेश कार्तिक को विश्वकप में खेलने का मौका मिलता है, या 2007 की तरह ही दोबारा बिना खेले देश लौटते हैं।